Star Delta Starter
ज्यादातर मोटर्स को direct लाइन पर ही चलाया जाता है लेकिन यदि हम अधिक hp की मोटर सीधे लाइन पर चलाते हैं तो इससे लाइन में वोल्टेज कम ज्यादा होने का खतरा रहता है
इस वोल्टेज को कम ज्यादा होने से बचाने के लिए हम स्टार डेल्टा स्टार्टर का उपयोग करते हैं स्टार डेल्टा स्टार्टर में मोटर को स्टार्टिंग में स्टार में चलाया जाता है जब मोटर 80 से 85% स्पीड में आ जाती है
तो मोटर को automatic डेल्टा में चला दिया जाता है जिससे की मोटर की वाइंडिंग मैं ज्यादा करंट नहीं जा पाता है और मोटर जलने से बच जाती है स्टार डेल्टा स्टार्टर का प्रयोग बेसिकली मोटर में स्टार्टिंग में ज्यादा करंट ना पहुंचे इसलिए करा जाता है
तथा हम आपको स्टार डेल्टा स्टार्टर की वर्किंग के साथ-साथ कुछ फोटो भी दिखा रहे हैं
Star-delta starter में 2 प्रकार की wiring होती है।
1-power wiring
2-control wiring
Power wiring of star delta startor
Control Wiring Diagram OF Star-Delta Starter
स्टार डेल्टा स्टार्टर की पावर वायरिंग करने के लिए हमें तीन कॉन्टेक्टर एक टाइमर एक ओवरलोड रिले तथा एमसीबी की आवश्यकता होती है कॉन्ट्रैक्टर रिले और टाइमर के A1 को न्यूट्रल से जोड़ दिया जाता है तथा MCB से 1 फेस लेकर OVERLOAD रिले के कॉमन पॉइंट में लगा दिया जाता है तथा RELAY के NC पॉइंट से फेस को निकालकर स्टॉप पुश बटन में लगा दिया जाता है
तथा stop push button से फेस बायर को start push बटन में लगा दिया जाता है तथा स्टार्ट पुश बटन से फेस वायर निकलकर टाइमर के कॉमन पॉइंट में चले जाता है टाइमर के आउटपुट में no तथा nc पॉइंट होते हैं टाइमर के nc पॉइंट से फेस बाहर निकल कर डेल्टा के nc पॉइंट में जाते हुए स्टार्ट कॉन्टेक्टर के A1 में चला जाता है
तथा टाइमर के no पॉइंट से निकलकर फेज वायर स्टार के nc से होता हुआ डेल्टा कॉन्ट्रैक्टर के A1 में चला जाता है मेन कॉन्टैक्टर A1 को सप्लाई टाइमर के commen पॉइंट से दी जाती है तथा होल्डिंग के लिए मेन कॉन्टैक्टर के no पॉइंट को O N पुश बटन के इनपुट में जोड़ा जाता है तथा दूसरे सिरे को मेन कॉन्टैक्टर के A1 से जोड़ दिया जाता है जिससे की मोटर स्टार्ट करने के बाद हमारा कांट्रेक्टर hold रहता है
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स्टार डेल्टा स्टार्टर बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
3 contactor
1 timer
No, nc
Mccb
OLR (over load relay)
No- इसका पूरा नाम normally open होता है जो कि स्टार्ट पुश बटन के रूप में प्रयोग की जाती है अर्थात हम यह कह सकते हैं कि यह हमारा स्टार्ट बटन होता है
Nc- इसका पूरा नाम normally close होता है इसका प्रयोग हम स्टार्टर को बंद करने के लिए करते हैं तथा हम इसे स्टॉप स्टॉप पुश बटन भी कह सकते हैं
3 contactor -
star contactor - स्टार कॉन्ट्रैक्टर का प्रयोग मोटर को स्टार्ट करने के लिए किया जाता है और स्टार में मोटर सिर्फ 5 से 10 सेकंड तक चलती है
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इस समय मोटर में करंट 50 से 60 परसेंट तक पहुंचता है तथा 5 सेकंड से 10 सेकंड बाद स्टार्ट कॉन्टेक्टर बंद हो जाता है तथा डेल्टा स्टार्ट हो जाता है
Delta contactor - स्टार कांट्रेक्टर बंद होने के बाद डेल्टा कॉन्टैक्टर स्टार्ट हो जाता है यह स्टार्टर के ऑन रहने के पूरे समय ऑन रहता है तथा मोटर को पूर्ण वोल्टेज देता रहता है
Main contactor - इसका प्रयोग मोटर के स्टार्ट होने से बंद होने तक करा जाता है जैसे हम स्टार्टर को ऑन करते हैं तुरंत main contactor लग जाता है
जिसके साथ ही 5 सेकेंड तक हमारा star contactor भी लगा रहता है तथा 5 सेकंड के बाद डेल्टा कॉन्टैक्टर लगता है और डेल्टा कॉन्टेक्टर तब तक लगा रहता है जब तक मोटर बंद नहीं होती
Timer - टाइमर का प्रयोग करके हम startor को 5 - 10 सेकेंड के लिए star में चलाते हैं timer का बस यही काम होता है
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Q - स्टार डेल्टा स्टार्टर में कौन सा कॉन्टैक्टर पहले Energlze है। क्यों ?
Ans- पहले संपर्क स्टार कॉन्टैक्टर Start होता है। क्योंकि स्टार Link पहले Connect हो जाएं।
Q - स्टार डेल्टा में टाइमर कितने सेकंड पर सेट होता है ? जब motor की गति 80- 85 हो ?
यह timer Application पर Based होता है
यदि हम टाइमर का प्रयोग पंप मोटर में कर रहे हैं तो पंप मोटर जल्दी स्पीड पकड़ता है इसलिए टाइमर का समय कम होगा लेकिन हम यदि ब्लोअर मोटर में टाइमर का प्रयोग कर रहे थे इसलिए देर से speed पकड़ता है तो टाइमर का समय यहां ज्यादा होगा ।
मोटर स्टार्टर का प्रकार
हम अपने उपयोग के अनुसार स्टार्टर बनाते हैं, इसलिए स्टार्टर कई प्रकार के होते हैं। सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला स्टार्टर तीन प्रकार का होता है।
1 डी.ओ.एल. स्टार्टर - D.O.L. Starter
2 रिवर्स फॉरवर्ड स्टार्टर - Reverse Forward Starter
3 स्टार डेल्टा स्टार्टर - Star Delta Starter
डी.ओ.एल. स्टार्टर (DOL स्टार्टर)
डीओएल motor स्टार्टर, जिसे direct online स्टार्टर के रूप में भी जाना जाता है, सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला स्टार्टर है।
DOL स्टार्टर का उपयोग 7.5KW और 10 HP से कम आकार की motor पर किया जाता है। इस स्टार्टर की वायरिंग काफी आसान है।
Dol Starter की Working - इसका काम बहुत आसान है। इसमें हम
एक Contact
OLR
No push button - motor को स्टार्ट करने के लये
Nc push button - motor को stop करने के लये
क्यों स्टार्टर motor चलाने के लिए आवश्यक हैं ? - Why Starter Are Required To Run motor
जैसा कि हम देखते हैं, अगर हम छोटी motors को शुरू करने के लिए सीधे बिजली देते हैं, तो motor शुरू हो जाती है, लेकिन हमें बड़ी motor को चालू करने के लिए स्टार्टर की आवश्यकता होती है जो बड़े या अधिक rated होते हैं। चाहे वो DOL हो या Star - Delta स्टार्टर।
इंटरव्यू में यह भी पूछा जाता है कि हम motor में स्टार्टर का उपयोग क्यों करते हैं और स्टार्टर का काम क्या है।
अब मोटर A.C हो या D.C दोनों में स्टार्टर की आवश्यकता होती ही है
सबसे पहले, हम कुछ बिंदुओं को देखते हैं जो यह दर्शाएंगे कि हमें स्टार्टर की आवश्यकता क्यों है।
Starting current को कम करना
जब भी Induction motor को चालू किया जाता है, तो motor अपनी रेटिंग से 3 से 5 गुना अधिक करंट का use करती है, अब यदि ऐसी कोई भी धारा किसी भी motor को सीधे दी जाती है, तो इसकी Winding जल सकती है। तो स्टार्टर का इस्तेमाल इस शुरुआती Current को कम करने के लिए किया जाता है
motor Starting current इतना अधिक क्यों लेता है ? motor को जब चालू किया जाता है, तो उसका rotor रुकी हुई स्थिति (condition) में होता है और रुकी हुई स्थिति के कारण motor किसी Transformer की तरह व्यवहार करता है क्योंकि उस समय तक इसमें कोई घूमने वाला भाग नहीं होता है, तब Transformer की तरह व्यवहार होता है। कारण यह है कि उसे अधिकतम Current मिलता है। टाइमर क्या है और टाइमर कैसे काम करता है (टाइमर क्या है? कार्य करना टाइमर का सिद्धांत) टाइमर एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग किसी भी मशीन में किया जा सकता है जैसे motor आदि। इसे कुछ समय बाद किसी उपकरण को बंद या चालू करने जैसे जब हमने पहली बार motor को स्टार - डेल्टा स्टार्टर में देखा था हम पहले मोटर स्टार में चलाते हैं और फिर कुछ सेकंड के बाद, स्टार कॉन्टैक्टर को बंद करके डेल्टा कॉन्टैक्टर को चालू करना टाइमर का कार्य है। यदि हम चाहते हैं कि हमारा टाइमर में 30 सेकंड के बाद star से delta में आ जाए तो हमे टाइमर की जरूरत होगी । टाइमर A1 और A2 इसके कॉइल की टर्मिनल हैं जिसमें सप्लाई वोल्टेज देकर कॉइल को मैग्नेटाइज किया जाता है। इस time बाजार में इलेक्ट्रॉनिक्स टाइमर आता है, लेकिन इनके अंदर भी रिले का उपयोग किया जाता है और इसमें NO (नॉर्मली ओपन) और NC (नॉर्मली क्लोज) भी होते है। जिसमें हम कनेक्ट करके कोई भी लोड ऑन या ऑफ कर सकते हैं। NO संपर्क क्या है ? - What is NO Contact NO- normally Open इसका पूर्ण नाम है कि दोनों बिंदु सामान्य स्थिति में एक दूसरे से बहुत दूर होंगे। मतलब अगर हम NO के एक बिंदु पर विद्युत आपूर्ति करते हैं, तो हम इसे दूसरे बिंदु पर नहीं प्राप्त करेंगे। लेकिन अगर हमने Contactor के A1 A2 बिंदु की supply करके Contactor को शुरू किया। तब यह सामान्य स्थिति नहीं है। मतलब कि contact शुरू होने के बाद हालत सामान्य नहीं होगी और उस समय हमारे एक NO contact की आपूर्ति दूसरे contact में मिलेगी।
ऊपर आपने सीखा Star to delta conversion hindi जल्द ही आपको Star to delta connection pdf hindi मिल जाएगी और ऑटो स्विच मोटर स्टार्टर कनेक्शन कभी हो स्टार्टर को ऑटोमेटिक चलाने के लिए करा जाता है
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