Electrical one liner question in hindi with answers
Electrical one liner question in hindi with answers
Electrical one liner question in hindi with answers
Electrical one liner question in hindi with answers

दोस्तों आज इस पोस्ट में हम बात करेंगे कि किसी मोटर को स्टार कनेक्शन में चलाना चाहिए या डेल्टा कनेक्शन में स्टार डेल्टा कनेक्शन को लेकर स्टूडेंट्स ने काफी ज्यादा कन्फ्यूजन रहता है लेकिन अगर आप यह पोस्ट पूरी पढ़ते हैं तो आज आपका कन्फ्यूजन पूरी तरह से दूर हो जाएगा तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक Which Connection Preferred Star Or Delta in hindi
थ्री फेज सिस्टम में मोटर को चलाने के लिये औद्योगिक क्षेत्र मे ज्यादातर star connection अथवा Delta connection अथवा star - Delta connection प्रयोग किये जाते है। तीनो ही प्रकार के कनेक्शन संचालन के अनुसार बेहतर होते है।
परन्तु सवाल यह है कि किस प्रकार के संचालन मे किस प्रकार के कनेक्शन को महत्व दिया जाना चाहिये।
1.यदि मोटर को कम क्षमता मे संचालन करना हो तो star connection बेहतर होता है। तथा PF का मान भी अच्छा रहता है।
2. जहाँ पर प्रारम्भ में कम टॉर्क की आवश्यकता हो।
3.Rated RPM से कम RPM की आवश्यकता हो
मोटर 5kw से अधिक न हो अन्यथा dip voltage की समस्या आ सकती है।
प्रारम्भ में उच्च टॉर्क की आवश्यकता हो
मोटर पर सामान्य रूप से 80% का लोड रहे क्योंकि no load मे motor के PF का मान कम हो जाता है।
उच्च जड़त्व तथा अधिक त्वरण (high inertia and high acceleration) वाले लोड के लिये
सामान्यतः मोटर की शक्ति 5 Kw से अधिक हो।
अतः थ्री फेज मोटर के कनेक्शन लोड तथा उसके संचालन पर निर्भर करते है।
औद्योगिक क्षेत्र में थ्री फेज मोटर की स्पीड को कंट्रोल करने के लिए सामान्य तौर पर कई सारी विधियां अपनाई जाती हैं उन्हीं विधियों में से एक विधि में supply voltage को कम करके मोटर के प्रारंभिक वल आघूर्ण (moment) और तथा प्रारंभिक करंट को कंट्रोल किया जाता है।
स्टार डेल्टा द्वारा मोटर को कंट्रोल करना इसी विधि का एक उदाहरण है ।
थ्री फेज बैलेंस सिस्टम के स्टार कनेक्शन में फेज वोल्टेज लाइन वोल्टेज के 1/✓3 के बराबर होती है जिसके कारण करंट तथा बल आघूर्ण 1/3 हो जाता है।
मोटर का बल आघूर्ण रोटर में उत्पन्न हुए e.m.f. के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होता है तथा रोटर पर उत्पन्न e.m.f स्टेटर मे दी गयी सप्लायी के अनुक्रमानुपाती होता है।
सामान्य तौर पर मोटर यदि लोड से कनेक्ट है तथा स्टार में ऑपरेट की जाती है। तो फेज वोल्टेज तथा बल आघूर्ण मे में कमी के कारण मोटर की चाल लघु संबंध में प्रभावित होती है अतः मोटर की speed Delta की तुलना में कम होगी।
जब थ्री फेज मोटर को डेल्टा मे कनेक्ट किया जाता है। तब लाइन वोल्टेज फेज वोल्टेज के बराबर होती है तथा लाइन करंट ✓3× phase current होता है। इस स्थिति में मोटर के त्वरित होने के बाद स्लिप न्यूनतम तथा वल आघूर्ण अधिकतम होता है। तब मोटर की speed अधिकतम होगी ।
यदि स्लिप को शून्य मान लिया जाये तो induction मोटर भी सिक्रोनस speed पर घूमेगी।
अतः ऊपर दी गयी स्थितियों के अनुसार मोटर की speed स्टार मे तुलनात्मक रूप से डेल्टा की अपेक्षा कम होगी ।
स्टार डेल्टा कनेक्शन का प्रयोग मोटर की चाल को नियंत्रित करने के लिये नहीं किया जाता है। इसका मुख्य रूप से उपयोग प्रारंभिक करंट, बल आघूर्ण तथा पॉवर फैक्टर के प्रभावो को कम करने के लिये किया जाता है।
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1- what is relay,parts and working - https://youtu.be/XAEFBd3bac8
2- types of relay - https://youtu.be/zmHlzZ9FgqE
3- types of relay according to poles - https://youtu.be/i_VKXu2JK_Y
4- contactor and it's parts - https://youtu.be/Eg068jN8feU
5- types of contactor - https://youtu.be/Otdf6dQMbI8
6- what is mcb and it's parts - https://youtu.be/oEMWStl5KW4
7- mcb working and protection types - https://youtu.be/PiqBBtdgdP8
8- types (A,B,C,D,K,Z) of mcb - https://youtu.be/I6v5ZU60HxE
9- how to select correct mcb for home, factory and industry and load calculation -
10- types of motors used in homes and industries - https://youtu.be/2FVb1JQ6VTs
11- Types of ac motors and it's applications - https://youtu.be/1UeNCRycqr8
12- Types of Dc motors their names and applications
13- Types of special motors their names and applications
14- single phase induction motors their names and applications
15- types of single phase induction motors
- https://youtu.be/qcY4azgNtWs
16- split phase induction motors it's working and application- https://youtu.be/-LJVyDBNbUg
17- what is capacitor start motor it's working and application - https://youtu.be/X8gaG4NhJwc
18- permanent split capacitor motor it's working and application - https://youtu.be/o9hjIW0qrWM
19- shaded pole induction motor it's working and application
20- 3 phase induction motor working and application - https://youtu.be/XsK1H06CQ6w
21- star and delta connection in 3 phase system - https://youtu.be/QacvXOo9zag
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उम्मीद करता हूं कि दोस्तों आपको हमारी यह post (मोटर के लिए स्टार कनेक्शन का प्रयोग करें या डेल्टा कनेक्शन का ) अच्छी लगी होगी इसी तरह कि इलेक्ट्रिकल की पोस्ट पढ़ने के लिए हमारे website पर बने रहिए क्योंकि हम अपनी वेबसाइट पर इसी तरीके की इलेक्ट्रिकल की पोस्ट डालते रहते हैं और अगर आप इलेक्ट्रिकल की वीडियोस देखना चाहते हैं तो हमारे यूट्यूब चैनल राजीव सैनी इलेक्ट्रिकल्स को जरूर सब्सक्राइब करें यह पर आपको इंटरव्यू प्रिपरेशन की वीडियोस मिल जाती हैं।
इस post में हम बात करेंगे मोटर star में ज्यादा करंट लेती है या delta में और connection के हिसाब से भी हम समझेंगे की मोटर स्टार में ज्यादा करंट लेगी या डेल्टा में
By rajeev saini electricals
Star Connection
थ्री फेज सिस्टम मे star connection को 3 phase 4 wire system अथवा Y connection भी कहा जाता है। इस प्रकार के connection का प्रयोग मुख्यत: थ्री फेज मोटर तथा ट्रांसफॉर्मर में किया जाता है।
star connection बनाने के लिये हम उपकरण की तीनो वाइंडिंग के पहले सिरे अर्थात 1 2 तथा 3 पर R Y तथा B Phase को जोड देते है। तथा वाइंडिंग के दूसरे सिरे अर्थात 4 5 तथा 6 को short कर देते है जिसे न्यूट्रल Point कहते है।
इस प्रकार के कनेक्शन करने पर निम्न प्रकार के संबंध प्राप्त होते है। नीचे दिये गये संबंध थ्री फेज star connetion के फेजर डायग्राम को हल करके प्राप्त किये जाते है
Delta Connection
थ्री फेज सिस्टम मे star के साथ ही डेल्टा कनेक्शनो का भी प्रयोग किया जाता है।
सामान्यतः मोटर पर इस प्रकार के कनेक्शन करने के लिये वाइडिंग के सभी सिरो का उपयोग किया जाता है तथा हम इनके सिरो को नाम 1 2 3 4 5 तथा 6 दे तो वाइंडिंग U के सिरे 1 और 5 पर, वाइंडिंग V के सिरे 2 और 6 पर तथा वाइंडिंग W के सिरे 3 और 1 पर जोडे जाते है।
अब डेल्टा बनाने के लिये एक कॉपर स्ट्रिप के द्वारा 1 और 4, 2 और 5 तथा 3 और 6 को short कर दिया जाता है। तथा टर्मिनल 1 2 और 3 पर R Y तथा B Phase को जोड़ा जाता है।
इस प्रकार के कनेक्शन करने पर निम्न संबंध प्राप्त है जो Delta connection के Phaser Diagram को हल करके प्राप्त किये जाते है।
यदि इलेक्ट्रिकल थ्योरी तथा इलेक्ट्रिकल सिद्धांतों के अनुसार देखा जाए तो मोटर स्टार में कम करंट तथा डेल्टा में ज्यादा करंट लेती है।
इस प्रकार के प्रश्न को हम एक उदाहरण के द्वारा आप को समझाने का प्रयास करते हैं।
Example:-
एक थ्री फेज की मोटर को 400 volt 50 Hz के द्वारा star- Delta मे चलाया जाता है तथा इसकी प्रत्येक वाइंडिंग का प्रतिरोध 20 ओम तथा प्रारंभिक प्रतिघात 15 ओम है मोटर का star तथा Delta मे करंट की गणना करो?
Solution
प्रति फेज प्रतिबाधा
Z = ✓(R^2+X^2)
Z = ✓(400 + 225)
Z = 25
स्टार संयोजन मे
Line Voltage = ✓3*Phase Voltage
Phase Voltage = Line Voltage/✓3
Phase Voltage = 400/✓3
Phase voltage = 231volt
Phase Current = Line Current = Phase Voltage/Z
Phase Current = Line Current = 231/25 = 9.24 Amp.
In Delta Connection
Line Voltage = Phase Voltage = 400Volt
Phase Current = Phase Voltage/Z
Phase Current = 400/25 = 16Amp.
Line Current = ✓3*Phase Current
Line Current = 1.732*16 = 27.7Amp.
It's Proved
Note:-
स्टार तथा डेल्टा दोनों में चलने वाली मोटरों के टर्मिनल पर कोई भी end of winding को short नहीं करते हैं। इस प्रकार की मोटर में दो केबलो के द्वारा कनेक्शन किया जाता है तथा star Delta स्टार्टर द्वारा इन्हे ऑपरेट किया जाता है।
लाइन वोल्टेज को दो फेजो के बीच नापा जाता है।
फेज वोल्टेज को एक फेज तथा न्यूट्रल के साथ नापा जाता है
उम्मीद करता हूं आपको स्टार डेल्टा स्टार्टर के ऊपर करंट कैलकुलेशन कि हमारी यह पोस्ट अच्छी लगी होगी अगर आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी लगी है तो हमारे यूट्यूब चैनल राजीव सैनी इलेक्ट्रिकल को जाकर जरूर सब्सक्राइब करें वहां पर आपको इलेक्ट्रिकल से रिलेटेड इंटरव्यू प्रिपरेशन की बढ़िया वीडियो मिलती है
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दोस्तों आज हम जानेंगे कि डीजल जनरेटर का प्रयोग क्यों करा जाता है और किसी इंडस्ट्री में डीजल जनरेटर की क्या उपयोगिता होती है और लाइट जाने पर डीजल जनरेटर से सप्लाई किस तरह से हमारी मशीनों तक पहुंचती है यह सब जानकारी आज हम इस पोस्ट में जानेंगे तो इस पोस्ट को पूरा पढ़िए उम्मीद करता हूं यह पोस्ट आपको अच्छी लगेगी
By rajeev saini electricals
D. G. = Diesel Generator
D.G. Electricity जनरेट करता है, इमरजेंसी के समय में, D.G. का इस्तेमाल हम तब करेंगे, जब हमारी Electricity board का सप्लाई चला जाऐ, और हमारे load को Electricity देना बहुत ही जरूरी हो| तब हम उस समय पर D. G. (डीजल जेनरेटर) का उपयोग करते हैं, Electricity को उत्पन्न करने के लिए|
D. G. का कनेक्शन किया कैसे जाता हैं, में आपको डायग्राम के जरिये बताउँगा ।
दोस्तो हमारे Load को Electricity कैसे मिलती हैं। ये हम इस डायग्राम के जरिये सीखेंगे ।
1st conditions: जब Electricity होती है, तब हमारे Load को सप्लाई कैसे मिलता है।
दोस्तों industries को और factory को हमारा जो electrical board होता है, वह 11kv HT सप्लाई देता है, और Company का खूद का Transformer होता है । तो Transformer 11kv को 415 Volt में कन्वर्ट करता है|
Transformer के बाद जो 415 Volt निकलता है उसको
हम A.T.S. (automatic transfer switch ) को दे देते हैं हमारे डिस्ट्रीब्यूशन पेनल को electricity दे दी जाती है, और डिस्ट्रीब्यूशन पेनल से हमारे मशीनों को electricity दे दी जाती हैं| लेकिन दोस्तों जब electricity कट हो जाती है, तब क्या होता है❓
Note- कुछ कंपनियों में ACB (air circuit breaker ) होता है जो ATS की तरह ही वर्क करता है आज हम यहां पर सिर्फ ATS की बात करेंगे।
दोस्तों जब electricity कट होगी, तब हमारा Transformer बंद हो जाएगा । मतलब हमारा A.T.S तक कोई सप्लाई नहीं आएगी ।
A.T.S का पुरा नाम " ओटोमैटिक ट्रांसफर स्विच"
A.T.S के नाम से ही ये इन्डिकेट होता है कि ये एक स्विच है, जो कि ओटोमैटिक चेन्ज होता है|
दोस्तों A.T.S के अंदर current sensor होता है, जब हमारी electricity होती है, तब तक हमारे A.T.S का ये जो लीवर है, वो Transformer पर रहता है| लेकिन जब electricity चलीं जाती है, तब हमारा ये जो लीवर है, वह D.G. के उपर सिफ्ट हो जाता है मतलब हमारा A.T.S तो स्विच हो गया।
दोस्तों D.G. में भी current सेन्सर होता है, जब तक Transformer से सप्लाई आती है, तब तक हमारा D.G. बंद रहेगा । लेकिन जैसे ही ट्रांसफोर्मर का सप्लाई फेल होता है, तब हमारा D.G. स्टार्ट हो जाता हैं, और electricity प्रोड्यूस करने लगता हैं| ये electricity D.G. से A.T.S. पर दी जाती हैं| D.G. जो electricity प्रोड्यूस करता है, उसको हम A.T.S. पे देते हैं, और A.T.S. जो होता है, वह हमारे डिस्ट्रीब्यूशन पेनल को सप्लाई दे देता है।
D.G. को ON करने के लिए तीन मोड होते हैं |:-
1]. Automatic
2]. Semi - Automatic
3]. Manual
(1)Automatic :- Automatic में जब electricity कट होगी, तब D.G. अपने आप स्टार्ट हो जाएगा और जब Electricity वापस आ जाएगी तब D.G. अपने आप बंद हो जाएगा ।
जैसे ही electricity वापस आएगी तब हमारा Transformer स्टार्ट हो जाएगा, Transformer से electricity हमारी A.T.S. तक आ जाएगी|
तो मैंने कहा था कि A.T.S. के अंदर current सेन्सर होता है, तो जैसे ही Transformer का सप्लाई आएगा, तब हमारा A.T.S. का लीवर Transformer के साइट सिफ्ट हो जाएगा और हमारा load Transformer के उपर चलने लगेगा ।
(2) Manual :- Manual में D.G. को हम खुद ON/OFF कर सकते हैं ।
दोस्तों D.G. में भी current सेन्सर होता है, तो D.G. को भी पता चल जाएगा की main सप्लाई आ गई है, अब में off हो जाउँ । लेकिन दोस्तों D.G. तुरंत बंद नहीं होता, D.G. कुल डाउन मोड़ पे चला जाता है| D.G. तीन से पांच minutes तक चलता रहता है, उसके बाद बंद होता है ।
दोस्तों D.G. के कुल डाउन मोड के दो काम होतें हैं,
(1). दोस्तों कुल डाउन मोड का पहला काम ये है कि,कई बार ऐसा होता है ना, की Electricity आ के वापस चलीं जाती है, तो उस कंडीशन में हमारा D.G. तुरंत electricity प्रोवाइड करता है|
(2). कुल डाउन मोड का दुसरा काम ये है कि D.G. जब भी load को electricity प्रोवाइड करता है, तब वह गरम हो जाता है| तो सप्लाई आने पर हमारा D.G. without load के हो जाता है, और वह अपने fan को घुमा कर के ठंडा होने लगता है।
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दोस्तों उम्मीद करता हूं आपको हमारे डीजल जनरेटर desal generator (DG) की पोस्ट अच्छी लगी होगी और आपको अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा कि डीजल जनरेटर और मेन सप्लाई का कनेक्शन किस तरह से किसी एक ही LT पैनल के साथ करा जाता है अगर आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी लगी है तो प्लीज हमारे youtube channel इलेक्ट्रिकल कोई जाकर एक बार subscribe जरूर करें
दोस्तों इस आईटीआई इलेक्ट्रिशियन इंटरव्यू prepration की पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए क्योंकि इस पोस्ट में हमने इलेक्ट्रिशियन की यह बुक के बारे में बताया है यह बुक iti interview preparation की नंबर वन की बुक है इसे पढ़कर अभी तक हजारों लोगों ने जॉब प्राप्त हुई है जिससे कि आपको भी अच्छी जॉब मिल सकती है तो इस बुक को पूरा पढ़िए और अगर कोई भी दिक्कत होती है तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे जरूर बताइए।
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Hindi edition e-book
Author
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नोट - [ हेलो दोस्तों इस बुक में दिए गए इंटरव्यू question answer को बहुत गंभीरता से पढ़ें ]
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विषय सूची
1- प्रस्तावना ?
2- electrical engineer / electrician कैसे बने ?
3- apprentice क्या होती है ?
4- ITI करने के बाद क्या करें ?
5- polytechnic करने के बाद क्या करें ?
6- BE / B.TECH करने के बाद क्या करें ?
7- apprentice कहाँ से करें ?
8- apprentice कैसे करें ?
9- apprentice के दौरान salary ?
10- apprentice करते समय क्या क्या ध्यान रखें ?
11- fresher electrician / electrical engineer के लये common interview qus - ans ?
12 - apprentice कर चुके electrician / electrical engineer के लये interview qus - ans ?
13 - fresher student resume कैसे बनायें ?
14 - apprentice कर चुके student resume कैसे बनायें ?
15 - job कैसे search करें ?
16- Electrical Engineering में Career Scope क्या है ?
17 - Electrical Engineering में जॉब के क्षेत्र ?
18 - Electrical Engineering जॉब के लिए best company ?
19 - सारांश ?
Syllabus
सभी interview questions के detailed answers आपको इस e-book में मिल जायँगे।
1- What is Mcb, types and protection ?
2- MCB faults and troubleshooting ?
3- MCB selection ?
4- What is Mccb , types and protection ?
5- What is Relay , types and connection ?
6- What is Transformer and working ?
7- What is LT panel and it's working ?
8- What is deasal Generator (DG) ?
9- What is PLC and it's working ?
10- What is Contactor , types , working and fault troublshooting ?
11- 3 phase induction motor ?
12- single phase induction motor ?
13- Motor faults , testing method and troubleshooting ?
14- What is Star connection for motor ?
15- What is Delta connection for motor ?
16- What is Dol starter, power and control wiring ?
17- What is Star delta starter power and control wiring ?
18- What is Forward reverse starter power and control wiring ?
19- Power fector lagging and leading and how to calculate Power fector ?
20-Motor maintenance and Commen motor faults
21- Hp to kw and kw to hp conversion
22-Dol starter fault troubleshooting and resolve fault
23- Star delta starter fault troubleshooting and resolve fault
24- Types of single phase motors
25- Why single phase motor not self start
26- Transformer detailed information
27-Difference between Ac and Dc current ?
28-Difference between 1 phase and 3 phase motor ?
29- Difference between RPM and tourque ?
30-Difference between alternator and generator?
31- Difference between Dynamo and generator ?
32- Difference between generator and motor ?
33- why use DG in industry ?
34- DG a,b,c,d check points
35- Dg a check/daily check and maintenance ?
36- what is compressor, types of compressor , working ?
37- compressor check points ?
38- unbalanced theory in 3 phase ?
39- why motor starting current high ?
40- motor over current theory details ?
इस book में अभी और भी ज्यादा questions add करे जायँगे और update करी गई book आपको whatsapp और email के माध्यम से send कर दी जायेगी।
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1- प्रस्तावना
दोस्तों क्या आप electrician या electrical engineer बनना चाहते हैं ? क्या आप electrical engineer Field में जॉब करना चाहते हैं ? अगर आपका भी सपना electrical engineer या electrician बनने का है तो इस e- book में मैं आपको बताऊंगा कि electrical engineer या electrician किस तरह से बना जा सकता है ।
चाहे आपने ITI , polytechnic , BE या b.tech करा हो आपने कोई भी course करा हो इस e-book में आज आपको step by step सारी जानकारी मिल जाएगी कि किस तरह से आप electrical engineer या electrician बन सकते हैं ।
और साथ ही आपसे निवेदन है कि आप इस e - book को 1 बार पूरा जरूर पढे । क्योंकि आपको इस book में सीखने बहुत कुछ मिलेगा और आप कम से कम समय मे ही job ले सकते हैं । इस book को पढ़कर अभी तक काफी students अच्छी job पर पहुँच चुके हैं अब आपकी बारी ।
Sample questions
Q. No.- 8 स्टार्टर क्या होता है? ये कितने प्रकार के होते है तथा इनका अनप्रयोग क्या है?
स्टार्टर का प्रयोग मोटर को स्टार्ट करने के लिए किया जाता है। स्टार्टर के अंदर मोटर को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सभी उपकरण जैसे रिले एमसीबी कांट्रेक्टर कंट्रोल डिवाइसों के सही से कनेक्शन करके एक पैनल बॉक्स में रख दिया जाता है जिसे हम स्टार्टर कहते हैं।
हमें स्टार्टर की आवश्यकता क्यों पड़ी?
यदि मोटर को सीधे सप्लाई से जोड़ दिया जाता है तो यह पॉलिफेज ट्रांसफार्मर की सेकेंडरी वाइंडिंग की तरह बहुत हाई करंट की मांग करती है जो फुल लोड से 5 से 8 गुना जाता है तथा Torque भी कम हो जाता है। (अपेक्षाकृत डीसी मोटर से) Therefore Starting Current तथा Torque को कंट्रोल करने के लिए हमें स्टार्टर की आवश्यकता होती है।
Main Point
3HP तक की मोटर को हम सीधे सप्लाई से जोड़ सकते हैं।
5KW or 7.5 HP से ऊपर की मोटर को Star Delta Starter की आवश्यकता होती है।
मोटर के अंदर चुंबकीय फ्लक्स की चाल तथा रोटर की चाल के अंतर को हम Slip कहते हैं। इसका Formula ( Na – Nr/Ns * 100) होता है।
Types of Starters
Starters मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं।
AC Motor Starters
DC Motor Starters
AC Motor Starters
DOL Starter
Star-delta Starter
Manual Star Delta Starter
Semi Automatic Star Delta Starter
Fully Automatic Star Delta Starter
Auto Transformer Starter
Step Down Transformer Starter
Stator Resistance or Impedance Starter
Rotor Resistance Starter ( It’s use only Slip Ring Rotor type Motor)
DC Motor Starters
Two Point Starter (It’s use in DC Series Motor)
Three Point Starter ( it’s use in DC Shunt Motor and DC Compound Motor)
Four Point Starter (It’s use in DC Shunt Motor and DC Compound Motor)
Application of Starter
मोटर पर ओवरलोड आने पर सप्लाई को trip करा देना
मोटर पर unbalanced current तथा low voltage होने पर ट्रिप करा देता
स्टार्टिंग करंट तथा स्टार्टिंग टॉर्क को कंट्रोल करता है।
मोटर को Soft तरीके से स्टार्ट कर आता है।
मोटर के अंदर उत्पन्न होने वाले Surge current को कम करता है जिससे Cooper loss कम हो जाता है तथा मोटर की क्षमता की हानि कम हो जाती है।
मोटर की स्टार्टिंग के द्वारा होने वाले Dip वोल्टेज प्रभाव को Starter द्वारा काफी हद तक कम कर दिया जाता है जिससे लाइन पर लगे अन्य उपकरण को नुकसान नहीं पहुंचता है।
Dc motor की क्षमता Ac motor की क्षमता से काफी अधिक होती है क्योंकि डीसी मोटर में attraction तथा repulsion दोनों ही धनात्मक दिशा में कार्य करते हैं।
Q. No.-9 DOL Starter क्या है? तथा इसके अनुप्रयोग क्या है? DOL starter के Power circuit का चित्र बनाइये ।
DOL Starter
DOL starter एक सस्ता और आसान starter है जिसमे 9 volt coil सहित एक contactor तथा एक ओवर लोड रिले तथा ऑन ऑफ पुश बटन संयोजन एक पैनल वॉक्स में बंद होता है।
Construction
DOL स्टार्टर की संरचना बहुत ही आसान होती है। इसको बनाने के लिए हमें Pannel Box, Fuse, MCB, Contractor with 9 Volt Coil, OverLoad Protection Relay,Push Buttons, No NC element तथा Connection Plate की आवश्यकता होती है।
डोल स्टार्टर की पावर वायरिंग तथा बनाने का तरीका नीचे बताया गया है।
1. सबसे पहले हम contractor के output terminal पर OLR को लगाकर box के अंदर सभी switch gear तथा fuse आदि को रखकर चेक करें कि box open तथा close सही से हो रहा हो तो सभी को उसी जगह पर Fix कर दें।
2. अब तार को लेकर वायरिंग शुरू करें MCB की output से Fuse की इनपुट पर तथा Fuse की output से contractor की input पर तथा overload Relay की output से मोटर की तार को जोड दें
3. MCB पर 3 phase की सप्लाई को जोड़ें तथा Contractor को manually दबाकर मोटर की दिशा चेक करें। यदि मोटर उल्टा घूम रही है तो MCB से किन्ही दो Phase को आपस में बदलें इस प्रकार DOL starter का Power Circuit पूरा हो जाता है।
Why we use fuse before starter
ओवरलोड रिले थर्मल Coil पर काम करती है। यदि मोटर पर शार्ट सर्किट या अचानक से हाई करेंट आ जाता है तो यह Tripping में समय लेती है जिससे बढ़ा हुआ करंट मोटर अथवा पैनल को नुकसान पहुंचा सकता है। इसी से बचने के लिए हम स्टार्टर से पहले फ्यूज का इस्तेमाल करते हैं जो करंट बढ़ने पर तुरंत जल जाता है।और स्टार्टर को सप्लाई से अलग कर देता है जिससे पैनल तथा मोटर दोनों सुरक्षित रहते हैं।
Application
1.यह काफी सस्ता होता है।
2.यह शुरुआत मे 100% का टॉर्क देता है।
3.इसका प्रयोग सिंगल फेज मे भी किया जाता है।
4.यह 5 Kw तक की मोटर चलाने के लिये अच्छा माना जाता है।
5.इसमे एक पावर केबल का प्रयोग होता है।
6.इस starter का प्रयोग घरेलू प्रयोग की मोटरो सम सेबिल पम्प तथा ब्लोअर आदि की मोटरो को चलाने में होता है।
Power Wiring Figure
Q. No- 10 DOL स्टार्टर में किस प्रकार के Faults आते हैं तथा उन Faults को कैसे रिपेयर करते हैं?
DOL starter में आने वाली Faults की सूची
Faults | Causes | Action Taken |
पैनल से हमिंग की आवाज आ रही है। | कांट्रेक्टर का आर्मेचर साफ नहीं है। Coil पर Rating Voltage से कम Voltage जा रही है। आर्मेचर पर लगी Shaded Coil Ring Loose हो गई है। | कांट्रेक्टर का आर्मेचर साफ करें। Coil की Voltage को चेक करें। आर्मेचर पर लगी रिंग को चेक करें। |
Coil गर्म होकर जल गई। | Coil पर Rated voltage से अधिक सप्लाई आ गई। | कंट्रोल सप्लाई को चेक करें तथा सप्लाई के बराबर की Coil लगाएं। |
OLR को रिसेट करने के बाद मोटर तुरंत स्टार्ट नहीं हो रही है। | OLR में Thermal Bimetal की पत्तियां होती हैं जिन्हें ठंडा होने में समय लगता है। | मोटर को दोबारा शुरू करने के लिए 2 से 4 मिनट का Wait करें। |
बटन दबाने पर मोटर स्टार्ट नहीं हो रही है लेकिन कांट्रेक्टर को मैनुअल दबाने से मोटर चल रही है। | मोटर का सर्किट ट्रिप है। कांट्रेक्टर की coil ओपन हो गई है। | ओवरलोड रिले तथा कांट्रेक्टर की coil का प्रतिरोध चेक करें। |
बटन दबाने से मोटर स्टार्ट नहीं हो रही है लेकिन पैनल से Humming की आवाज आ रही है। | कंट्रोल वोल्टेज कम है। अथवा आर्मेचर साफ नही है अथवा आर्मेचर ढीला है। | कंट्रोल वोल्टेज चेक करें तथा आर्मेचर साफ करे,आर्मेचर तथा coil को सही से कसे |
बटन दबाने पर मोटर चलती है तथा बटन छोड़ने पर मोटर बंद हो जाती है। | कांट्रेक्टर के साथ लगा Auxiliary No Element कांट्रेक्टर के साथ NC नहीं बन रहा है। | Axuilary element को चेक करें |
कांट्रेक्टर के ऑन होने के बाद भी मोटर नहीं चल रही | कांट्रेक्टर के कोंटेक्ट के स्प्रिंग टूट गई है olr output नही निकाल रही है। | कांटेक्टर तथा relay के टर्मिनल को मैनुअल चेक करें। |
ऑफ बटन दबाने पर मोटर बंद नहीं हो रही है। | Auxiliary Element Short Or contactor Armature Stuck | मेन सप्लाई बंद करके दोनों को चेक करें। |
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Q.No.-11 स्टार डेल्टा स्टार्टर क्या होता है? और इसकी उपयोगिता क्या है ? तथा इसका पावर सर्किट कैसे बनाते हैं?
थ्री फेज मोटर में 5KW या 7.5HP तक की मोटर में DOL स्टार्टर का प्रयोग किया जाता है जो कि एक मोटर के अंदर ही स्टार या डेल्टा में संयोजित होता है तथा इसका स्टार्टिंग करंट अन्य उपकरण तथा मोटर को हानि नहीं पहुंचा पाता है क्योंकि इसकी पावर रेटिंग कम होती है।
लेकिन ज्यादा पावर की मोटर का स्टार्टिंग करंट बहुत अधिक अर्थात FLC से 5 से 7 गुना तक होता है। हालांकि यह करंट मोटर को ज्यादा हानि नहीं पहुंचा पाता है। लेकिन यदि कई मोटरों को एक साथ स्टार्टिंग करंट को बिना कंट्रोल किए स्टार्ट किया
जाए तो यह करंट जेनरेशन सोर्स पर भी प्रभाव डालता है तथा लाइन से जुड़े अन्य उपकरणों के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए मोटर में स्टार डेल्टा संयोजन किया जाता है।
इसमें मोटर वाइंडिंग के सभी सिरों का प्रयोग किया जाता है। स्टार डेल्टा संयोजन मोटर के टर्मिनल बॉक्स में बना देना संभव नहीं होता है। इसलिए हम एक अलग से पैनल में सभी कंट्रोल डिवाइसों के साथ एक सर्किट बनाकर उसमें बाइंडिंग के सभी सिरों को संयोजन के अनुसार जोड़ देते हैं।
स्टार संयोजन में Phase करंट लाइन करंट के बराबर होता है तथा मोटर Accelerate होने के बाद डेल्टा में अपने फुल लोड करंट के अनुसार run करती है।
संरचना
स्टार डेल्टा स्टार्टर बनाने के लिए हमें सामान्यतः 3 कांट्रेक्टर, एक टाइमर, पुश बटन, फ्यूज, एक पैनल बॉक्स तथा 1 ओवरलोड रिले की आवश्यकता होती है।
इसके अतिरिक्त हम मोटर को अधिक सुरक्षित रखने तथा आवश्यकता अनुसार अन्य कंट्रोल डिवाइस जैसे Temperature Controller, RPM Sensor, Voltmeter, Ammeter, Indicator, Single Phase Preventer, आदि को कंट्रोल सर्किट में लगाकर Interlock करते हैं।
स्टार डेल्टा स्टार्टर तीन प्रकार के होते है।
Manual Star-Delta Starter
Semi Automatic Star Delta Starter
Fully Automatic Star Delta Starter
स्टार डेल्टा स्टार्टर के पावर सर्किट का चित्र नीचे दिया गया है।
Application
स्टार डेल्टा मोटर बड़ी इकाई जैसे Chillers, Blower, Large Size Fans व Pump etc. को चलाने में प्रयोग की जाती है
इनका प्रयोग प्रारंभ में कम बल आघूर्ण की आवश्यकता वाली जगहों पर किया जाता है।
इनका प्रयोग वहां पर भी करते हैं जहां पर प्रारंभ में कम करंट की आवश्यकता हो।
इनका प्रयोग उस लोड के लिए किया जाता है जिसका उच्च जड़त्व और लंबी त्वरण अवधि हो।
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Q no - 12 स्टार डेल्टा स्टार्टर के कंट्रोल सर्किट का चित्र सहित वर्णन नीचे किया गया है।
Manual Star-Delta Starter
यह एक प्रकार का मैकेनिकल स्टार डेल्टा स्विच होता है। इसमें हैण्डल के द्वारा स्टार डेल्टा को ऑपरेट किया जाता है। इसका प्रयोग उन मशीनों में किया जाता है जिन पर कभी havy load तथा किसी समय बिल्कुल फ्री भी रन करती है। उदाहरण के लिये रबड़ मिक्सिंग मशीन
Semi-Automatic Star-Delta Starter
इस प्रकार के स्टार्टर में जब तक ऑपरेटर द्वारा स्टार्ट बटन को दबाए रखा जाता है तब तक मोटर स्टार संयोजन में तथा पुश बटन छोड़ते ही मोटर डेल्टा में रन करती है। इसका प्रयोग submersible pump आदि को चलाने में किया जाता है।
Fully Automatic Star-Delta Starter
इस स्टार्टर के पैनल में एक timer का प्रयोग किया जाता है। जिसे 7 sec पर सेट किया जाता है। इसमें एक बार स्टार्ट बटन दबाकर छोड़ देने पर star contractor तथा main contractor होल्ड हो जाता है। और 7 sec बाद timer स्टार कॉन्ट्रेक्टर को unhold करके डेल्टा कॉन्ट्रेक्टर को hold कर देता है।
Star-Delta Starter मे सामान्यतः Main Contractor को K1 ,Star Contractor को K3 तथा Delta Contractor को K2 से प्रदर्शित किया जाता है।
Star Delta Starter का Control Circuit नीचे बनाया गया है।…
Star - delta starter की control ओर power वायरिंग की detailed video आपको जल्द ही मिल जायेगी।
List Of Star-Delta Starter Faults
Faults | Cause | Action Taken |
स्टार्ट बटन दबाने पर मोटर Run नहीं हो रही है | स्टार्ट बटन में लगा NO Element ठीक से दब नहीं रहा है। टाइमर का NC Point खराब हो गया है। डेल्टा कांट्रेक्टर अथवा रिले का NC Point खराब हो गया है। | स्टार्ट बटन का NO Element, टाइमर का NC Point, डेल्टा कांट्रेक्टर का NC Point तथा OLR का NC point चेक करें |
स्टार्ट बटन दबाने पर केवल Star Contracter ही होल्ड रहता है। | स्टार कांट्रेक्टर के साथ लगा और Auxiliary NO point कांट्रेक्टर के होल्ड होने पर NC नहीं बन रहा है। | स्टार Contractor के साथ लगे Auxiliary NO Point को मैनुअली दबाकर स्थिति चेक करें? |
मोटर 7 सेकंड के बाद डेल्टा में नहीं लग रही | टाइमर अपनी स्थिति नहीं बदल रहा है। स्टार Contractor के साथ लगा Auxiliary NC point खराब हो गया | टाइमर तथा Star Contractor के साथ लगे Auxiliary NC Point को चेक करें |
मोटर डेल्टा में लगते ही Trip हो जा रही है। | मोटर से जुड़ा यंत्र जाम चल रहा है। | मोटर से जुड़े यंत्र को ठीक से चेक करें। |
मोटर डेल्टा में बहुत हाई करंट ले रही है। | मोटर की वाइंडिंग के छह सिरो का क्रम ठीक से कनेक्ट नहीं है। | बाइंडिंग के सभी सिरों को अच्छे से चेक करके 1 by 1 तरीके से पैनल से जोड़े |
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