Motors कितने प्रकार की होती हैं। ac । dc । special types motors क्या है।

     Types of motors in Hindi

आज हम आपको Types of motors in hindi, मोटर कितने प्रकार की होती हैं। के बारे मे मैं आपको जानकारी दूंगा । और इसके साथ ही यहां लर आपको induction motor की पूरी जानकारी दे जायगी यह इंडस्ट्रीज में सबसे ज्यादा प्रयोग होने बाली मोटर होती है। प्रायः मोटर तीन प्रकार की होती हैं, जब हम बाजार में जाते हैं तो motor को खरीदते समय, सबसे ज्यादा यह पूछा जाता है कि कौन सी motor तकनीकी तौर पर  अच्छी है, ac या dc,लेकिन देखने बाली बात यह है कि यह requirement तथा investment पर निर्भर है। 

Google पर बहुत से students, types of motors, types of ac motors, types of servo motors, types of stepper motors आदि search करते रहते हैं।

तो शुरू करते हैं।

Types of motors in hindi, motors के प्रकार, types of ac motors,मोटर कितने प्रकार की होती हैं।
Types of motors


 यहाँ आप पढेंगे ?

1- motor क्या होती है?

2- motor का आविष्कार किसने करा ?

3- motor कितने  प्रकार की होती है ? 

4- Single Phase Induction Motor Self start क्यो नही होती है ?

5- Single-Phase Induction Motor को Self-Starting कैसे बनाते है ? 

6-hp to kw conversation

7- types of motor video

8- 3 phase induction motor

9-विधुत मोटर का कार्यसिद्धान्त 

10- Three Phase ac इंडक्शन मोटर की संरचना:

11- AC induction motor के parts 

12- Principle of ac Induction Motor 

13- AC मोटर और DC मोटर में क्या अंतर हैं। 

14- यूनिवर्सल मोटर की खासियत क्या हैं ?

15- सर्वो मोटर का उपयोग किया जाता है? 

16- DC Motor के प्रकार।

17- ITI, POLYTECHNIC, B.TECH FREE interview PDF हिंदी



 1-मोटर क्या होती है ?


Electric motor  एक electromechanical मशीन है जो electrical energy को mechanical energy में बदलती है तथा इसे electric power source से जोड़ने पर यह घूमने लगती है जिससे इससे जुड़ी machine या यन्त्र भी घूमने लगती है।
अर्थात यह electric generator का उल्टा काम करती है जो machanical energy लेकर electric energy पैदा करता है। कुछ motors अलग-अलग condition में motor तथा generator दोनो की तरह भी काम करती हैं।

हमने अपनी पिछले post में आ रही comment के आधार पर types of electric motor मोटर कितने प्रकार की होती है यह post लिखी है।

2- विधुत मोटर का अविष्कार किसने करा ?


विद्युत चुंबकत्व के माध्यम से यांत्रिक ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा में का पहली बार 1821 में ब्रिटिश वैज्ञानिक माइकल फैराडे द्वारा प्रदर्शित किया गया था। अपने पायलट में, उन्होंने एक स्थायी चुंबक पारा पूल के साथ एक फ्री-हैंगिंग संपर्क कंडक्टर को सहा। वर्तमान में, जब एक धारा एक कंडक्टर के माध्यम से बहती या एक चुंबक के आसपास घूमती है। इसी से हमें गतिज ऊर्जा मिलती है

3-motor कितने प्रकार की होती है।

 Types of motors in hindi

1-Ac motors
2-dc motors
3-special motors

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1- ac motor कितने प्रकार की होती हैं?- types of ac motor in hindi 

Two types of ac motors in hindi
>Synchronous motors
>Asynchronous motors
--------------------------------------------
>Asynchronous motors
2 types of Asynchronous motors
1-Squirrel cage induction motor
2-slip ring induction motor
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Squirrel cage induction motor      

 Applications👇                  

*Low maintenance,.   

*Highly used                        

Industry में Squirrel cage induction motor का प्रयोग सबसे अधिक होता है यह ज्यादातर 3 phase की प्रयोग में आती हैं क्योंकि इनका maintenance बहुत कम होता है तथा fault आने पर जल्दी repair कर के द्बारा से सुचारू रूप से कार्य करने के लिए लगा दिया जाता है

Slip ring induction  motor
Applications👇
*Use in limited places
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What is plc in hindi

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2-dc motors// types of dc motors in hindi


Four types of dc motors
1-Dc shunt motors
2-Dc series motors
3-Dc compound  motor
4-Dc permanent magnet motor
---------------------------------------------------

Dc shunt motors

Applications👇
*Highly useable motor
*Constant speed
*Lathe machine
*Clothe making machine
--------------------------------------------
Dc series motors

Applications👇
*High starting tourq
*Its used in old trains engine
--------------------------------------------
Dc compound  motor

Applications👇
*It's combination of series and shunt motor
*It's used in stamping & poling
--------------------------------------------
Dc permanent magnet motor

Applications👇
*small toy cars
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3-Special  motors, types of  special motors 

( five types of special motors in hindi)
1-Universal  motors
2-Stepper motors
3-Servo motors
4-Brushless dc motors
5-Linear motors
--------------------------------------------
Universal  motors

Applications👇
*Run ac/dc
*High speed
*Well starting torque
*Mixer
*Drill machine
--------------------------------------------
Stepper motors

Applications👇
*Robots
*Used in analog movement
--------------------------------------------
Servo motors

Applications👇
*Robots for accurate movement
--------------------------------------------
Brushless dc motors

Applications👇
*Drone
*Light weight
--------------------------------------------
Linear motors

Applications👇
*Used in automatic metro door
--------------------------------------------

4- Single Phase Induction Motor Self start क्यो नही होती है?

सिंगल फेज मोटर

सिंगल फेज मोटर के नाम से पता चलता है कि इन मोटरो का उपयोग वहाँ किया जाता है जहाँ सिंगल फेज की आपूर्ति हो। सिंगल फेज मोटर विद्युत मोटर मे सर्वाधिक प्रचलित है। क्योंकि इनका उपयोग घरेलू उपकरण कार्यालय तथा छोटे कामों के लिये व्यापक रूप से होता है। लेकिन सिंगल फेज की मोटर थ्री फेज मोटर की तुलना में कम दक्ष होती है।

औद्योगिक क्षेत्र में जहां पर थ्री फेज मौजूद होता है। वहाँ पर भी सिंगल फेज मोटर का उपयोग करके कुछ लघु कामो को आसानी से किया जाता है।

सिंगल फेज मोटर के प्रकार

सिंगल फेज मोटर्स आमतौर पर फ्रै Single क्शनल हॉर्स पॉवर रेंज मे बनाये जाते है।

इन्हे मुख्यतः चार भागो मे बांटा जा सकता है।

  1. Phase Induction Motor

Split Phase Type

Capacitor Type

Shaded Pole Type

  1. AC Series OR Universal Motor

  2. Repulsion Motors

Repulsion – Start Induction – Run Motor

Repulsion – Induction Motor

  1. Synchronous Motor

Reluctance Motor

Hysteresis Motor

Single Phase Induction Motor

Single Phase Induction Motor 3-phase Squirrel Cage Motor के समान होती है।इसमें एक Squirrel cage rotor तथा स्टेटर पर single phase वाइडिंग होती है।

जब इसकी बाइंडिंग पर सिंगल फेज सप्लाई जोड़ी जाती है तो यह Sinusoidal Magnetic field उत्पन्न करता है।जिसका प्रत्येक आधे चक्र के बाद ध्रुव बदल जाता है।

जिससे वैकल्पिक प्रवाह रोटर को एक स्थिर दिशा में नहीं घूमा पता है अतः यह कंपन करने लगता है।यदि रोटर को किसी अन्य ऊर्जा से पहली बार किसी दिशा में घुमा दिया जाए तो यह उसी दिशा में घूमता रहेगा। भले ही इसमें सिंगल फेज सप्लाई दी गई हो।

इस प्रकार की मोटरों में चुंबकीय फ्लक्स की गति से थोड़ा कम गति से रोटर घूमता है। इसीलिए इन्हें अतुल्यकारक(Asynchronous) मोटर कहते हैं।

5- Single-Phase Induction Motor को Self-Starting कैसे बनाते है

हम ऊपर बता चुके हैं कि Single Phase Induction Motor स्वत: शुरू नहीं होती है। अतः इस के रोटर को प्रारंभ में घुमाना आवश्यक है तो इस प्रकार इसे बाहर से किसी यंत्र द्वारा घुमाना सुरक्षित नहीं होता है। अतः इस को स्टार्ट करने के लिए इसके स्वरूप में कुछ आंतरिक परिवर्तन करके बनाया जाता है।

Single Phase Induction Motor को Self-Starting के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं। इनका वर्गीकरण भी इनके सेल्फ स्टार्ट करने की विधि के नाम से ही वर्गीकृत किया जाता है।

1.Split-Phase Motor

Split Phase induction motor को स्वतः स्टार्ट करने के लिये इसमे एक centrifugal switch तथा एक Main winding के अलावा स्टार्ट winding को लगाया जाता है।

Operation

1.इसमें दो वाइडिंग main तथा start होती है। start winding main winding से 90 degree के विद्युत कोण पर लगायी जाती है। centrifugal switch को supply तथा start winding के बीच मे जोड़ा जाता है।

2.मोटर की main winding high inductive तथा start winding high resistive होती है। जब इसमें विद्युत सप्लाई दी जाती है तब Main का current lm तथा start का current ls दोनो भिन्न होते है जिससे double phase मशीन की तरह इसमे phase angle 25 से 30 डिग्री के बीच बन जाता है। जिसके कारण इसमें एक weak परिक्रमी क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है और रोटर एक निश्चित दिशा मे घूमने लगता है।

3.जब मोटर अपनी सामान्य speed का 75% speed प्राप्त कर लेती है तब centrifugal switch स्वतः ही start winding को सप्लाई से अलग कर देता है और मोटर अपनी speed को accelrate करते हुये sychronous speed पर लगातार घूमती रहती है।

विशेषतायें

इसका sinning torque full load torque का 15 से 2 गुना तक हो जाता है।इसकी starting winding पतली तार से बनायी जाती है। जिससे इसका प्रतिरोध तथा धारा घनत्व उच्च होता है। जिसके कारण यह बहुत जल्दी गर्म हो जाती है। यदि इसे प्रारंभ मे 5 sec से ज्यादा देर सप्लाई दी जाती है तो इसके जलने का खतरा बढ जाता है। इससे बचने के लिये इसमे Thermal protection Relay का प्रयोग किया जाता है।.

इसकी सबसे अच्छी विशेषता यह होती है कि यह एक नियत speed पर घूमती है। इसमें speed variation 2-5% का लोड तथा बिना लोड के साथ रहता है।lइस मोटर का प्रयोग मध्यम टॉर्क की आवश्यकता के लिये किया जाता है इस मोटर को बार बार ऑन नही किया जाना चाहिये । इन मोटरो की रेटिंग सामान्यातः 60 w - 250 w के बीच होती है।

इस मोटर का अधिकांश प्रयोग fan , washing machine, Oil Burner, small machine Tools में किया जाता है।

2. Capacitor Type Single Phase Induction Motor

a. Capacitor Start Motor

Capacitor Start Motor spilt phase motor की तरह होती है। इसमें केवल एक capacitor start winding की सीरीज मे main winding के साथ जोड़ा जाता है। capacitor की rating ls तथा Im के अनुसार चुनी जाती है। इस प्रकार Capacitor लगाने से इसमें phase angle 80 degree तक हो जाता है।जो 25-30 डिग्री के angle से काफी अधिक होता है।

Capacitor स्टार्ट मोटर में भी Centrifugal switch 75% स्पीड के बाद स्टार्ट वाइंडिंग को सप्लाई से अलग कर देता है।उसके बाद मोटर स्वत: ही Accelerate होते हुए अपनी सामान्य स्पीड को प्राप्त कर लेती है।




विशेषतायें

  1. phase angle अधिक होने से इसका शुरुआती Torque अधिक होता है।

  2. इसमें start winding का current capacitor connect होने के कारण split phase motor की start winding से आधा होता है।

  3. Capacitor होने के कारण इसकी start winding अपेक्षाकृत कम गर्म होती है।

  4. इसका Starting Torque उच्च होता है

इसका प्रयोग उन जगहों पर करते हैं जहां पर Starting Period long होता हो तथा शुरुआत में अधिक Torque की आवश्यकता हो।

इस प्रकार की मोटर की Power Ratings 120W से 5 7 KW तक होती है। इनको मुख्य रूप से उच्च जड़त्व भार, पंप, बड़े पंखे, तथा कंप्रेसर आदि में करते हैं।


B.Capacitor Start Capacitor Run Motor


इस प्रकार की मोटर में हम दो Capacitor का प्रयोग करते हैं| Start Capacitor (C1) को Start Winding की सीरीज में Centrifugal switch के साथ जोड़ते हैं तथा एक अतिरिक्त Capacitor (C2) को (C1) के समानांतर जोड़ देते हैं। ठीक उसी प्रकार 75% के बाद Start Capacitor Centrifugal switch द्वारा अलग हो जाता है| Capacitor (C2) Permanent Start तथा Main winding के बीच में जुड़ा रहता है।

विशेषतायें

Start winding का Capacitor का प्रयोग सीधे तौर पर Double Phase operation के लिए किया जाता है जिससे यह मोटर किसी भी लोड के लिए शुरूआत में एक नियत Torque प्रोड्यूस करती है। इस प्रकार की मोटर में अन्य सिंगल फेज मोटर की तरह Torque Pulsating नहीं करता। इसका प्रयोग शांत जगहों के लिए किया जाता है क्योंकि इसमें आवाज तथा कंपन दोनों ही कम होते हैं।


C.Permanent Split Capacitor Motor


Permanent split capacitor motor की संरचना ठीक उसी प्रकार की जाती है जिस प्रकार capacitor start Motor की होती है। इस मोटर में centrifugal switch का प्रयोग नहीं करते है तथा start capacitor के स्थान पर एक कम मान का capacitor start winding की series मे स्थायी रूप से जोड देते है।

विशेषतायें

1.इसका starting तथा running लगभग समान होता है। इस मोटर का Torque कम होता है। 

2.इसका प्रयोग कम टॉर्क वाली जगहो पर तथा छोटे घरेलू उपकरण जैसे टेबल फैन , सीलिंग फैन आदि मे किया जाता है।

D.Shaded Pole Motor

शेडेड पोल मोटर Singl Phase Induction Motor का ही एक प्रकार है। लेकिन यह अन्य मोटरो से भिन्न होती है। इस मोटर को स्वतः स्टार्ट करने के लिये कोई भी capacitor या Auxiliary winding नही लगायी जाती है।

इसमे एक squarell cage rotor तथा Main winding के अलावा प्रत्येक ध्रुव के एक किनारे पर लगभग 1 /3 का एक slot कटा होता है जो कोर के ऊपरी भाग को दो भागो मे बॉट देता है इस खाँचे मे एक कॉपर स्ट्रिप को शॉर्ट सर्किट की भाँति लगाया जाता है। जिसे शेडिंग coil कहते है। जिस तरफ sheading coil होती है उसे शेडेड भाग तथा शेष भाग को अन शेडेड भाग कहते है।

Operation

जब इसमें सप्लाई दी जाती है तब मोटर के दोनो पोल magnetic flux उत्पन्न करते है जिसके कारण shaded coil पर विद्युत वाहक बल लगता है तथा एक प्रेरण धारा उत्पन्न होती है। तथा इसका फ्लक्स mein winding के flux को लेज के नियम के अनुसार प्रभावित करता है। जिससे इसके पोल एक दिशा मे क्रमानुसार बदलते रहते है। जिससे इसमें एक घूर्णी परिक्रमी चुम्बकीय क्षेत्र पैदा होता है। और इसी के बल से रोटर घूमने लगता है।


Application

इसका टॉर्क बहुत कम होता है। इसलिये इसका प्रयोग छोटे यंत्रों जैसे- घड़ी, खिलौने, फोटो कॉपी मशीन, मापन यंत्र आदि मे करते है यह मोटर काफी सस्ती होती है।



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6- Conversion का यह fourmula बहुत ही अच्छा है। तथा यह बहुत उपयोगी है।(hp to kw conversation)


Kilowatt to horsepower conversation

(kw to hp conversation)
Hp=1.341*kw

--------------------------------------------
horsepower  to kilowatts  conversion (hp to kw conversation)

Kw=0.745*hp

--------------------------------------------

                7- types of motor video





8- THREE PHASE AC INDUCTION MOTOR क्या है ?


Induction motor एक AC बिजली की मोटर होती है जो कि एक asynchronous motor होती है ये मोटर electric power को mechanical power में बदलती है और ये यह मोटर सबसे अधिक industry उपयोग में आता है इसमें घिसने वाला कोई element नहीं होता है 
जिससे यह बिना maintenance के बहुत दिनो तक चल सकता है
 क्योकि इस motor  में बहुत ज्यादा power देती है|


 9-विधुत मोटर का कार्यसिद्धान्त


जब भी close circuit conductor को rotating चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है, तो कंडक्टर घूमने की कोशिश करता है।

 विधुत मोटर का कार्यसिद्धान्त

इलेक्ट्रिक मोटर एक इलेक्ट्रिक मशीन है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करती है;  अर्थात, जब यह उपयुक्त शक्ति स्रोत से जुड़ा होता है, तो यह घूमना शुरू कर देता है, जिसके कारण इसके साथ लगी मशीन भी घूमने लगती है।  और फिर यह एक विद्युत जनरेटर के विपरीत काम करता है जो यांत्रिक ऊर्जा लेकर विद्युत ऊर्जा का उत्पादन करता है।  कुछ मोटर्स विभिन्न परिस्थितियों में मोटर्स या जनरेटर दोनों के रूप में भी कार्य करते हैं।

एक विद्युत मोटर विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलने के साधन हैं।  इलेक्ट्रिक मोटर औद्योगिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।  यह एक बहुत ही सरल और बहुत उपयोगी मशीन है।  उद्योगों में शायद ही कोई ऐसा उद्देश्य हो जिसके लिए एक उपयुक्त इलेक्ट्रिक मोटर का चयन नहीं किया जा सकता है।

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10- Three Phase ac इंडक्शन मोटर की संरचना:-


Three फेज इंडक्शन मोटर निम्नलिखित दो अंग होते हैं

(1)  Stator :- 

(2) rotar -


(1)  Stator


  इंडक्शन मोटर का स्टेटर एक rotate स्टेटर की तरह होता है।  यह हिस्सा सिलिकॉन स्टील की गोल चादरों की व्यवस्था करके बनाया गया है। इस पत्ती की मोटाई 0.3 मिमी से 0.65 मिमी तक हो सकती है।


भँवर धारा हानियों को कम करने के लिए, प्रत्येक पत्ती पर वार्निश की पतली परतें लगाई जाती हैं।  जब सभी पत्तियों को एक साथ मोटर फ्रेम में धकेला जाता है और मोटर फ्रेम को व्यवस्थित और कड़ा किया जाता है।  स्टेटर कवर में, घुमावदार आंतरिक खांचे होते हैं जिसमें वाइंडिंग स्थापित होते हैं। स्टेटर में, ये स्लॉट अर्ध-खुले या पूरी तरह से खुले हो सकते हैं।


(2)-Rotar


यह भाग स्टेटर में घूमता है। इसका रोटर बेलनाकार होता है, जिस पर एक नाली बनाई जाती है।  ये खांचे रोटर या शाफ्ट के समानांतर नहीं हैं। यह उनके ऊपर है कि वे एक-दूसरे से संपर्क न करें


मोटर फ्रेम दो प्लेटों आगे पीछे जुड़ी होती है और  प्लेटों को bearing के साथ लगाया जाता है। जिसमे की rotate करता है।   स्टेटर में 3 phase वाइंडिंग हैं जो 3 phase की आपूर्ति के साथ work करती हैं। 


 Stator एक निश्चित pols के लिए कुण्डलित(wind) किया जाता है।  यदि मोटर में 2 ध्रुवों हैं, तो इसकी गति 3000 r.p.m है। और अगर इसमें 4 ध्रुव हैं, तो इसकी गति 1500 r.p.m है।    इस तरह मोटर की गति को ध्रुवों की संख्या को बढ़ाकर कम किया जा सकता है जो सूत्र Ns = 120f ∕ P के द्वारा निर्धारित किया जा सकता है।


यहाँ:- Ns =सिंक्रोनस स्पीड 

    f = frequency

    p  = no of poll


  रोटर winding को स्टार में  किया जाता है। winding के शेष सिरों को shaft पर तीन परस्पर insulator स्लिप रिंगों पर जोड़ दिया जाता है।


11- AC induction motor के दुसरे parts  निम्नलिखित है


Bearing seal

Baal Bearing 

Bearing cover

Side cover

Cover fan 

Terminal box


 जैसा कि आप जानते हैं, motor में मूल रूप से दो भाग होते हैं।

  1- stator है जो मोटर के लिए स्थिर है


  2- roter है जो मोटर का एक घूमने वाला हिस्सा है।


  मोटर mechanical energy प्रदान करता है।

  जब स्टेटर 3 phase की आपूर्ति से जुड़ा होता है

  फिर स्टेटर में घूर्णन चुंबकीय क्षेत्र स्थापित 

   होता है। 


वास्तविकता में तो magnatic field घुमता

नही है लेकिन उसके pole इतनी तीव्रता से चक्रीय

क्रम में edited होते है कि वे घुमते हुए प्रतीत होते है।

घुमने वाला magnetic field स्थापित करने के लिए कम

से कम दो phase का होना आवश्यक होता है । इस

घुमने वाले magnetic field के सम्पर्क में जब रोटर

चालक आते है तो रोटर में E.M.F पैदा हो

जाता है ।


Roter में विद्युत वाहक बल के कारण रोटर चालकों में

Magnetic field उत्पन्न हो जाता है और एक ही जगह

पर कार्यरत दो magnetic field की पारस्परिक क्रिया से एक घुमने वाला बल उत्पन्न होता है जिससे rotar

घुमनें लगता है।


12- Principle of ac Induction Motor


जब भी क्लोज सर्किट CONDUCTOR को घूर्णन चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है, तो CONDUCTOR घूमने की कोशिश करता है।

 3 phase INDUCTION मोटर की संरचना: -

 3 phase INDUCTION मोटर में दो भाग होते हैं।


 1- स्टेटर - stator

2- रोटर - roter


 1- स्टेटर (stator) क्या होता है ?


 इंडक्शन मोटर का स्टेटर अल्टरनेटर के स्टेटर के समान होता है।  यह हिस्सा सिलिकॉन स्टील के गोल पत्तों को व्यवस्थित करके बनाया गया है।  सभी पत्तियों की मोटाई 0.3 मिमी से 0.65 मिमी तक होती है।


भंवर धारा नुकसान को कम करने के लिए, प्रत्येक पत्ती पर वार्निश की पतली परतें चढ़ाकर उनको insulate कर दिया जाता हैं।  जब सभी पत्तियों को एक साथ व्यवस्थित किया जाता है और मोटर फ्रेम के साथ कड़ा किया जाता है।  स्टेटर कोर में, phase winding के लिए आंतरिक परिधि पर खांचे होते हैं जिसमें winding फिट होते हैं।  स्टेटर में, ये स्लॉट अर्ध-खुले या पूरी तरह से खुले हो सकते हैं।


और स्टेटर में दो end प्लेटों को मोटर फ्रेम के साथ जोड़ दिया जाता है और end प्लेटों को रोटर शाफ्ट को घुमाते हुए, बीयरिंग के साथ लगाया जाता है।  स्टेटर में 3 phase winding होती हैं जो 3 phase की supply के साथ work करती हैं।  स्टेटर को निश्चित संख्या में ध्रुवों के लिए wind किया जाता है। 


यदि मोटर 2 ध्रुवों की है, तो इसकी गति 3000r.p.m होती है।  और यदि यह 4 ध्रुवों का है, तो इसकी गति 1500 r.p.m.  होगा।  इस प्रकार ध्रुवों की संख्या बढ़ाकर मोटर की गति को कम किया जा सकता है इसको FORMULA Ns = 120 f/p द्वारा निर्धारित किया जाता है।

  जहाँ: - Ns = सिंक्रोनस स्पीड 

 f = frequency

 p  = no of poll


(२) रोटर Rotor


  यह भी लेमिनेटेड कोर से बनाया जाता है।  इन रोटर में 3-फेज, अल्टरनेटर की तरह दो-गुना वितरित वाइंडिंग हैं।  रोटर में केवल एक pole की ही winding की जाती है जितनी स्टेटर में पोल की winding होती है।


AC इंडक्शन मोटर का रोटर


कई प्रकार के INDUCTION मोटर रोटर होते हैं, जिसके आधार पर मोटर्स के नाम बदल दिए जाते हैं, 

जैसे कि

squirrel single cage rotor

squirrel deep bar cage rotor

squirrel dual cage rotor

wound rotor motor या slip ring motor 


रोटर वाइंडिंग को Internal रूप से एक स्टार  में जोड़ा जाता है।  winding के शेष छोर शाफ्ट पर तीन इंटरकनेक्टेड स्लिप रिंग्स में शामिल हो जाते हैं।

  इंडक्शन मोटर के अन्य भाग निम्नलिखित हैं

 (1) बेयरिंग कवर (2) साइड कवर (3)बेयरिंग सील (4) बाल बेयरिंग (5) पंखा कवर (6) टर्मिनल बॉक्स


अनुप्रयोग Applications:-


जहां उच्च प्रारंभिक थ्रस्ट या बलाघूर्ण की आवश्यकता होती है और मशीन को लोड के साथ शुरू करना पड़ता है, जैसे लिफ्ट, आरा मशीन, लाइन शाफ्ट मिल इत्यादि,  इन सब मे स्लिप रिंग Induction मोटर्स का उपयोग किया जाता है।


13- AC मोटर और DC मोटर में क्या अंतर हैं।


AC मोटर केवल प्रत्यावर्ती धारा या ac current पर संचालित होती है जबकि DC मोटर केवल प्रत्यक्ष करंट पर संचालित होती है।


1 - AC मोटर केवल प्रत्यावर्ती धारा पर काम करती है और इस मोटर का उपयोग सीधे बैटरी द्वारा नहीं किया जा सकता जबकि DC मोटर सीधे बैटरी का उपयोग कर सकती है।


2 - प्रायः AC मोटर का starting tork कम होता है जबकि DC मोटर का स्टार्टिंग टॉर्क ज्यादा होता है।


3 - ज्यादातर dc मोटर का आकार बढ़ा होता है। ac मोटर के आकार से।


4 - AC मोटर में, stator अल्टरनेटर इनपुट सप्लाई से जोड़ा जाता है, दूसरी तरफ, DC मोटर में, stator और आर्मेचर दोनों DC इनपुट सप्लाई से जोड़ा जाता हैं।



14- यूनिवर्सल मोटर की खासियत क्या हैं ?

 

यूनिवर्सल मोटर की Specialty यह है कि यह AC और DC दोनों सप्लाई पर चलती है।  इसका उपयोग मिक्सर  मशीन, ड्रिल मशीन, उद्योगों में SFD जैसी मशीनों में किया जाता है।


15- सर्वो मोटर का उपयोग किया जाता है


 इस मोटर को काफी सटीक माना जाता है, इसलिए सर्वो मोटर का उपयोग बहाँ किया जाता है जहाँ अधिक सटीकता की आवश्यकता होती है।  इसका इस्तेमाल ज्यादातर रोबोट में किया जाता है।  सर्वो मोटर को vfd से ही चलाया जाता है।


16- DC प्रकार के Motor ?

 

(1) DC Series Motor (2) DC Shunt Motor (3) DC Compound Motor


(1) DC Series Motor - डीसी सीरीज मोटर की फील्ड वाइंडिंग को आर्मेचर की श्रृंखला में जोड़ा जाता है, इसलिए इस मोटर को डीसी सीरीज मोटर कहा जाता है।  फ़ील्ड वाइंडिंग मोटे तार और कम मोड़ की होती है, जिसके कारण इसका प्रतिरोध कम होता है।  दोनों फील्ड वाइंडिंग और आर्मेचर वाइंडिंग इस मोटर में समान करंट ले जाते हैं।  मोटर लोड के बिना कम धारा लेती है, और लोड बढ़ने पर करंट भी बढ़ता है। 


लोड के बिना, इस मोटर की एक उच्च गति है, लेकिन बढ़ते भार के साथ घट जाती है।  टोक़ शुरू करने के लिए टोक़ शुरू करना भी बहुत अधिक है, इसलिए इन मोटर्स का उपयोग किया जाता है जहां उच्च शुरुआती टोक़ की आवश्यकता होती है और जहां मोटर पर पहले से ही लोड होता है।  उदाहरण के लिए, यहां लोड पहले से ही मोटर पर है।  इन मोटरों का इस्तेमाल आमतौर पर ट्रेन, ट्राम, क्रेन, डीसी फैन और कन्वेयर में किया जाता है, क्योंकि इन्हें हाई स्टार्टिंग टॉर्क की जरूरत होती है और लोड पहले से ही मोटर पर होता है।


2-Dc shunt motors - इन मोटर्स में, फील्ड विंडिंग आर्मेचर के समानांतर में लगी हुई है, और इसे डीसी शंट मोटर कहा जाता है। इस मोटर में, फील्ड वाइंडिंग पतले तार और अधिक मोड़ की होती है, जिसके कारण फील्ड वाइंडिंग का प्रतिरोध अधिक होता है। इन मोटर्स में फ़ील्ड वाइंडिंग करंट समान रहता है


लेकिन आर्मेचर करंट लोड पर आधारित होता है। लोड बढ़ने पर बढ़ता है और लोड बढ़ने पर घटता है। इन मोटरों की गति पर भार का अधिक प्रभाव नहीं होता है। लोड के बिना गति अधिक है और लोड होने पर थोड़ा कम हो जाता है। डीसी शंट मोटर का उपयोग ज्यादातर टूल्स में किया जाता है और खराद मशीनों में भी उपयोग किया जाता है, क्योंकि इन मोटर्स की गति लगभग हमेशा समान होती है।


Dc compound motors- इन मोटरों में फील्ड वाइंडिंग श्रृंखला और समानांतर दोनों में होती है।  श्रृंखला क्षेत्र घुमावदार मोटी तार और कम मोड़ का है, इसका प्रतिरोध कम है।  श्रृंखला क्षेत्र में घुमावदार वर्तमान भार पर आधारित है।  यदि कम लोड और फ़ील्ड वाइंडिंग अधिक लोड लेगी तो श्रृंखला वाइंडिंग कम धारा लेगी।  समानांतर क्षेत्र घुमावदार में पतले तारों और अधिक घुमाव होते हैं।  इस घुमावदार का प्रतिरोध भी अधिक है।  समानांतर क्षेत्र घुमावदार में, वर्तमान लगभग समान है।


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  Compound मोटर भी दो प्रकार की होती है: -


  Cumulative compound motor: - संचयी यौगिक मोटर की श्रृंखला और समानांतर घुमाव में, धारा एक दिशा में बहती है।  इन मोटर्स में गति लोड पर आधारित है, लोड के बिना गति अधिक होगी और लोड बढ़ने पर घट जाएगी।  इन मोटरों का उपयोग किया जाता है जहां लोड एक बार मोटर पर आता है और फिर चला जाता है।  जैसे हथौड़ा, पंचिंग मशीन, शेयरिंग मशीन, लिफ्ट आदि।


  Differential compound motor - इन मोटरों में, श्रृंखला और वाइंडिंग एक दूसरे का विरोध करते हैं।  इन मोटरों में उच्च भार पर कम प्रवाह और कम भार पर अधिक प्रवाह होगा।  इन मोटरों की खासियत यह है कि इन मोटरों में लोड के बिना गति कम होती है और लोड बढ़ने पर गति भी बढ़ जाती है।  इन मोटरों का उपयोग ज्यादातर बैटरी चार्जिंग के लिए किया जाता है।


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DC motor Hindi Question

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DC Series Motor in hindi


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How many types of motor

Vidyut motor ka chitra


                निष्कर्ष( conclusion)


Image of इंडक्शन मोटर ऊपर बाली first image, induction motor की ही है ।

विद्युत मोटर का आविष्कार किसने किया ?

वैज्ञानिक माइकल फैराडे और ऊपर full detail में बता रखा है।

Ac मोटर कितने प्रकार के होते है ?
AC मोटर 2 प्रकार के होते है जो हमने ऊपर बता रखा है।

इंडक्शन मोटर किसे कहते हैं मोटर वाइंडिंग थ्योरी इन हिंदी

12 वोल्ट डीसी मोटर क्या होती?
12 volt dc motor का मतलब होता है वह मोटर जो 12 volt dc करंट पर चलती है।

हमने अपनी इस Types of motors in hindi, मोटर कितने प्रकार की होती हैं।  की post में सभी प्रकार की मोटर को describe करने की पूरी कोशिश की है साथ ही मोटर के उपयोग भी बताए ।
अगर आपको किसी भी motor से related और अधिक जानकारी चाहिए तो आप हमें comment box में कमेंट करके पूछ सकते हैं उम्मीद करता हूं कि आपको हमारी इस post में सभी प्रकार की information मिल गई होगी

इन्हें भी पढ़ें ⤵
 मैं अपने blog में electrical से related post करता रहता हूं कृपया आप हमारे blog में बने रहिए और अगर आपको हमारी यह post अच्छी लगे तो आगे share जरूर करना मोटर कितने प्रकार के होते है इससे related कोई भी qus हो तो  comment करें।
अगर आप चाहते है कि मोटर वाइंडिंग थ्योरी इन हिंदी तो आप कमेंट करें।



Motors कितने प्रकार की होती हैं। ac । dc । special types motors क्या है।  Motors कितने प्रकार की होती हैं। ac । dc । special types motors क्या है। Reviewed by Rajeev Saini on March 24, 2019 Rating: 5

6 comments:

  1. Pretty good post. I just stumbled upon your blog and wanted to say that I have really enjoyed reading your blog posts. Any way I'll be subscribing to your feed and I hope you post again soon. Big thanks for the useful info. AC Cleaning Abu Dhabi

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  2. Sir hame ac motor ke bare me vishtar se jankari de

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