Electric motor working in hindi
आज आपको यहाँ पर विधुत मोटर क्या है ओर कैसे काम करती है-electric motor working hindi इस प्रकार के सभी qus के ans मिल जायँगे साथ ही आपको विद्युत मोटर का सिद्धांत स्पष्ट कीजिए तथा इसकी संरचना एवं कार्य विधि समझाइए। यह सब भी पता चल जायेगा।
Electric motor
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1- विद्युत मोटर का आविष्कार किसने किया ?विद्युत मोटर का आविष्कार माइकल फैराडे ने किया
2- विधुत मोटर क्या है? (What is electric induction motor in hindi)
विद्युत मोटर एक ऐसे साधन है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलता है।
विद्युत मोटर का उपयोग विद्युत पंखों, रेफ्रिजरेटर , वॉशिंग मशीन,कंप्यूटर ,MP3 प्लेयर आदि मै किया जाता है।
सिद्धांत- विद्युत मोटर का सिद्धांत इस कि जब किसी कुंडली को चुंबकीय क्षेत्र में रखकर उस में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है
तो कुंडली पर एक बलिए कार्य करने लगता है जो कुंडली को उसकी अक्ष पर घुमाने का प्रयास करता है यदि कुंडली अपने अक्ष पर घूमने के लिए स्वतंत्र हो तो वह घूमने लगती है।
Electric motor working principal |
3- इलेक्ट्रिक मोटर कैसे काम करता है ? या विद्युत मोटर का कार्य विधि
Electric motor फ्लेमिंग के बाएं हाथ के सिद्धांत पर काम करता है। इलेक्ट्रिक मोटर विद्युत शक्ति को यांत्रिक शक्ति में change करता है। मोटर के stator में कई तारों की एक winding होती है, इस coper coil winding से जब विद्युत प्रवाह गुजरता है, तो इसके चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र बनता है,
जिसके कारण चुंबकीय बल द्वारा उत्तरी दक्षिणी ध्रुव के अनुसार रोटर रॉड movement शुरू कर देता है और जैसे-जैसे करंट की गति बढ़ती है, इसके घूमने की गति भी बढ़ती जाती है और मोटर तेजी से घूमने लगती है। मोटर की दिशा निर्धारित करने के लिए एक commutator होता है, जो आगे और पीछे दोनों दिशाओं में मोटर को घुमा सकता है।
Electric motor working in hindi
विद्युत मोटर के 4 मुख्य भाग हैं जो कि निम्न है।
1. यह एक से एक शक्तिशाली स्थाई चुंबक होता है जिसकी धुर्व खण्ड N व S है।
2. आर्मेचर- यह तांबे के तार के अनेक फ्रो वाली एक आयताकार कुंडली abcd होती है जो कच्चे लोहे की क्रोड पर तांबे के तार के प्राकृत फेरे लपेटकर बनाई जाती है यह चुंबक के ध्रुव NS के बीच घूमती है।
3.वलय- यह दो आयताकार वलयों अथवा दो खंडों में विभक्त एक वलय के रूप में होते हैं आर्मेचर की कुंडली के सिरों इन दो अलग-अलग वलयो L व M से जुड़े होते हैं यह वलयो आर्मेचर की धुरा दंड से जुड़े होते हैं।
4. ब्रुश- विवक्त वलयों L व M कार्बन धातु की बनी दो पत्तियों b1 व b2 को स्पर्श करते हैं इन्हें पुरुष कहते हैं इन पुरुषों का संबंध दो संयोजक पेचों से करके इनकी बीच एक बैटरी लगी होती है एक ब्रुश से विद्युत धारा कुंडली में प्रवेश करती है
कार्य विधि- जब बैटरी से कुंडली में विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं
तो फ्लेमिंग के बाएं हाथ के नियम से कुंडली की भुजाओं AB तथा CD पर बराबर परंतु विपरीत दिशा में दो बल कार्य करने लगते हैं यह दोनों बल एक बल युग्म बनाते हैं
जिसके कारण कुंडली बामा बर्थ दिशा में घूमने लगती है कुंडली के साथ उसके सिरो पर लगे विभक्त वलय के भाग भी घूमने लगते हैं
परंतु बैटरी धन ध्रुब सदैव बाये ब्रुश से कुंडली से जुड़ा रहता है तथा ऋण दायें ध्रुब से कुंडली से जुड़ा रहता है अतः कुंडली उसी दिशा में घूमती रहती है।
आशा करता हूं आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी लगी होगी आपको इस post से related कोई भी क्वेश्चन हो तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं
8- AC 3 फेज मोटर कैसे काम करता हे ?
AC 3 phase motor में तीन winding होती है। जो 3 phase की supply से जुड़ी होती है। फैराडे के इलेक्ट्रो मैग्नेटिक इंडक्शन नियम के अनुसार जब मैग्नेटिक फ्लक्स EMF एक कॉइल की supply पर उत्पन्न होता है। यहां, 3 Phase की supply प्रदान करने के बाद, rotating magnetic flux उत्पन्न होता है जो रोटर को घुमाता है। चुंबकीय प्रवाह और रोटर में एक अंतर है जिसे स्लिप कहा जाता है।
9- मोटर का preventive maintenance कैसे कर जाता है ? 1 - मोटर और फीडर साइड पावर और कंट्रोल केबल tightness की जाँच की जाती है। 2- मोटर और केबल के mag value की जाँच की जाती है। 3 - कूलिंग फैन और फैन कवर की स्थिति सही होनी चाहिए। 4 - अर्थिंग कनेक्शन tightness की जाँच की जाती है। एक मोटर में दो अर्थिंग होनी चाहिए। 5- मोटर बॉडी और फीडर साइड क्लीनिंग। 6- मोटर balance resistance की जांच की जाती है, जो तीनों balance होना चाहिए। 7 - पावर कनेक्टर के कांटेक्ट को साफ किया जाना चाहिए। 8 - ओवर लोड रिले आकार और सेटिंग की जाँच की जानी चाहिए। 9 - मोटर शुरू करने के बाद bearing की ध्वनि और तापमान की जाँच की जानी चाहिए। और जरूरत पड़ने पर greasing की जाती है
10- motor related qus - ans
3 phase motor में मोटर का वाइंडिंग resistance और megger value कितना होना चाहिए?
3 फेज मोटर में मोटर का winding प्रतिरोध तीन phase में संतुलित होना चाहिए जैसे कि यदि एक winding का प्रतिरोध 4.5 ओम है, तो बाकी के दोनों winding का प्रतिरोध इसके बराबर होना चाहिए। मेगर वैल्यू का मतलब है कि winding का प्रतिरोध 1 मेगा ओम से अधिक होना चाहिए। यह जितना अधिक है, उतना ही अच्छा है।
मोटर और जनरेटर के बीच मुख्य अंतर क्या है?
दोनों के बीच मुख्य अंतर यह है कि मोटर एक विद्युत equipment है जो विद्युत ऊर्जा को mechanical energy में convert करता है। जनरेटर उस मोटर के विपरीत है। यह mechanical energy को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
क्या आप जनरेटर के रूप में मोटर का उपयोग कर सकते हैं? - Can you use a motor as a generator? हां, आप अपनी मोटर का उपयोग जनरेटर के रूप में कर सकते हैं। विद्युत मोटर का कार्य: -जब विद्युत चुंबकीय क्षेत्र में एक coil के माध्यम से Pass हो जाती है तो चुंबकीय बल एक force पैदा करता है जो मोटर को चालू करता है। छोटे DC मोटर्स में चुंबकीय क्षेत्र बनाने के लिए स्थायी मैग्नेट का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, आप इसे एक जनरेटर के रूप में उपयोग कर सकते हैं। कौन सा अधिक effective है मोटर या जनरेटर है? - Which one is more effective motor or generator? मोटर की तुलना में जनरेटर में कॉपर की कमी कम होती है क्योंकि जनरेटर में मोटी वाइंडिंग होती है..तो मोटर की तुलना में बिजली की हानि कम होती है .. और प्रभावी प्रतिरोध भी कम होता है। मोटर बैक EMF का मामला मौजूद है जो वोल्टेज का विरोध करता है जो Absent है जनरेटर ... तो जनरेटर इस शब्द में अधिक Efficient है।
डीसी मोटर कैसे बनाएं ? डीसी मोटर सबसे सस्ती मोटर होती है इस मोटर का प्रयोग ज्यादातर बच्चों की एक खिलौना में प्रयोग करा जाता है डीसी मोटर को बनाना बहुत ही आसान होता है इसे बनाने के लिए हम घरेलू वेस्ट प्रोडक्ट का भी प्रयोग कर सकते हैं इसको बनाने के लिए magnet, कॉपर वायर, बैटरी, Pins का use क्या जाता है read more dc motor
स्लिप रिंग क्या है ? स्लिप रिंग एक इलेक्ट्रोमैकेनिकल डिवाइस है जो एक स्थिर से घूर्णन संरचना में बिजली और विद्युत संकेतों के संचरण की अनुमति देता है। एक slip ring का उपयोग किसी भी विद्युत प्रणाली में किया जा सकता है जिसे शक्ति या संकेतों को transmit करते समय रोटेशन की आवश्यकता होती है
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