Relay क्या है -What is Relay in hindi
यहाँ आप जानेंगें 1- introduction of relay 2- relay का अविष्कार 3- relay की definition? 4- relay क्या है ? 5- working of relay ? 6- रिले क्या काम करती है ? 7- part's of relay 8- relay के प्रकार 9- relay related qus ans 10- ITI, POLYTECHNIC, B.TECH FREE interview PDF हिंदी |
1- introduction of relay
2- रिले का आविष्कार किसने किया?
जोसेफ हेनरी अमेरिकन वैज्ञानिक जोसेफ हेनरी को अक्सर 1835 में विकसित इलेक्ट्रिकल टेलीग्राफ के अपने Version को बेहतर बनाने के लिए 1835 में रिले का आविष्कार करने का Claim किया जाता है।
3- रिले की परिभाषा definition of relay in hindi
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4- relay क्या है ?
Whats Is Relay In Hindi ? Relay Kya Hai ? .
रिले 1 बिजली से चलने वाला स्विच है जिसमें की कुछ input तथा output terminal होते हैं इनपुट terminal पर supply देकर रिले से output सिंगल को कंट्रोल किया जाता है हम यह कहते हैं या कह सकते हैं कि relay के द्वारा किसी सर्किट को ऑटोमेटिक रुप से कंट्रोल किया जाता है
रिले का प्रयोग आजकल ऑटोमेशन इंडस्ट्री में बहुत ही ज्यादा हो रहा है अगर किसी भी मशीन में किसी भी उपकरण को ऑटोमेटिक चलाना है तो हमें रिले की आवश्यकता होती है हमारे इनवर्टर कार बाइक इत्यादि चीजों में इसका प्रयोग होता है यह विभिन्न प्रकार की हो सकती हैं तो आज हम इस पोस्ट में relay के ऊपर अलग-अलग तथ्यों पर बात करेंगे
5- Relay किस सिद्धांत पर कार्य करती है
Relay working Theory In Hindi .
Relay एक सिंपल सिद्धांत पर कार्य करती है जब किसी close circuit में इलेक्ट्रिसिटी flow कराई जाती है तो उसके चारों ओर magnetic field बन जाता है जो किसी भी लोहे की चीज को अपनी ओर खींचता है
ठीक इसी सिद्धांत का प्रयोग करके रिले का प्रयोग करा जाता है जब relay की coil को सप्लाई दी जाती है तो वह उसके अंदर की पत्ती (armeter) को nc से हटाकर no पर चिपका देती है बाकी की working process हम आगे discussion करेंगे
6- रिले क्या काम करती है
Relay Working In Hindi ?
रिले की वर्किंग बहुत ही सिंपल है जब रिले ऑफ कंडीशन में होती है तो उसका कॉमन टर्मिनल nc कांटेक्ट से लगा होता है क्योंकि उसके अंदर की स्प्रिंग उसे अपनी और खींच कर रखती है तथा no कांटेक्ट ओपन होता है जैसे ही हम रिले के कॉमन टर्मिनल पर सप्लाई देते हैं
तो उसके अंदर स्थित armater no terminal पर चिपक जाता है अब यह जानते हैं कि armater कैसे ऊपर चला जाता है हमने ऊपर रिले के सिद्धांत के बारे में बता रखा है
रिले के अंदर यह जो कॉइल है जैसे ही इसमें सप्लाई दी जाती है तो यह आर्मेचर को nc से हटाकर no पर चिपका देती है बस यही एक छोटी सी इसकी वर्किंग है अगर आपको इसकी वर्किंग समझ ना आ रही हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमें बता सकते हैं
7- Relay में क्या क्या होता है (relay parts)
Relay के अंदर अलग-अलग प्रकार के component होते हैं लेकिन बहुत से लोगों को पता नहीं होता कि उसके अंदर कौन-कौन से component होते हैं और उन component का क्या कार्य होता है तो आप इस पोस्ट में यह जानेंगे कि उसके अंदर कौन-कौन सी component है तथा उनका क्या कार्य है ?
1-coil- यह relay के अंदर स्थित Armature को NO Contact से जोड़ती है।
2-yoke- योग relay के बाहर का हिस्सा होता है जोकि रिले के अंदर के पार्ट्स को डैमेज होने से बचाता है
3-Spring- relay को जब कोई सप्लाई नहीं दी जाती है या यह कहें कि relay जब बंद होती है तो यह आर्मेचर को nc कांटेक्ट से जोड़ता है।
4-Armature- relay के अंदर आर्मेचर का काम commen टर्मिनल को no कांटेक्ट तथा nc कांटेक्ट से जोड़ने का होता है।
5-contact- यह रिले के इनपुट तथा output टर्मिनल हैं हमें जिन डिवाइस इसकी स्विचिंग करनी होती है उनको terminal पर जोड़ा जाता है स्विचिंग का अर्थ है कि एक समय में एक उपकरण को चलाना तथा दूसरे को बंद करना
Type Of Relay In Hindi
वर्तमान में relay के कई सारे प्रकार उपलब्ध है relay का प्रयोग हर जगह पर अलग अलग होता है इसका प्रकार इसके द्वारा ऑपरेट किए जा रहे करण पर निर्भर करता है जहां पर हमें जिस प्रकार के relay की जरूरत होती है हम उसी स्थान पर उसी प्रकार की रिले लगाते हैं हम अपनी इस पोस्ट में रिले के प्रकार नीचे लिख रहे हैं आप उन्हें पढ़ लेना
कार्य सिद्धान्त के आधार पर
कार्य सिद्धांत के आधार पर relay को दो भागों में बांटा गया है सेमीकंडक्टर आधारित रिले तथा विद्युत चुंबकीय रिले जिसमें की विद्युत चुंबकीय relay का प्रयोग बहुत ही ज्यादा होता है
इसका प्रयोग आपको कार मोटरसाइकिल इनवर्टर स्टेबलाइजर आदि में देखने को मिलेगा और अर्धचालक रिले आकर में छोटी होती हैं इस प्रकार की रिले का इस्तेमाल छोटे-छोटे इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में होता है
Poles की संख्या के अनुसार
ज्यादातर आपने देखा होगा कि relay में एक commen terminal, 1 nc terminal तथा 1no टर्मिनल होता है लेकिन कभी-कभी एक से ज्यादा इनपुट terminal तथा 1 से ज्यादा output टर्मिनल की आवश्यकता होती है
क्योंकि हमें ज्यादा उपकरणों की switching करानी होती है उस समय हमें दो या दो से ज्यादा इनपुट output टर्मिनल वाली relay की आवश्यकता होती है इस प्रकार की रिले के बारे में हमने नीचे लिख रखा है
Single Pole Single Throw
Single Pole Double Throw
Double Pole Single Throw
Double Pole Double Throw
मान लीजिए कि आपके पास 2 तालाब हैं जिसमें कि आप चाहते हैं कि आपका वाटर पंप एक तालाब भरने के बाद दूसरे तालाब को ऑटोमेटिक भरने लगे इसके लिए आपको रिले की आवश्यकता होगी
Single Pole Double Throw
Single Pole Double Throw relay में मैं आपको एक no terminal तथा 1 nc terminal मिलेगा आप पहले वाटर पंप को nc टर्मिनल से जोड़ देंगे जैसे ही आपका पहला तालाब भर जाता है
आपका relay एक्टिवेट हो जाता है और nc, no टर्मिनल बन जाता है अब आपका दूसरा वाटर पंप स्टार्ट हो जाता है और पहला वाटर पंप बंद हो जाता है
Volt के अनुसार पर relay
साइज और वोल्टेज के आधार पर मार्केट में अलग-अलग प्रकार की relay देखने को मिलती हैं जैसे कि
For dc
5 V डीसी,
12 V डीसी,
24 V डीसी
For ac
110V एसी
220 V एसी
रिले के आकार और बनावट के आधार पर कई प्रकार की रिले उपलब्ध है जैसे कि
Latching Relay
Vacuum Relays
Time Delay Relay
Mercury-Wetted Relay
Mercury Relay
Overload Protection Relay
Force-Guided Contacts Relay
Multi-Voltage Relays
Safety Relays
Coaxial Relay
Solid-State Contactor
Reed Relay
Polarized Relay
Machine Tool Relay
Solid-State Relay
Static Relay
Contactor
9- relay related qus - ans
Relay की विशेषताए
इसके माध्यम से, नियंत्रण सर्किट को कम वोल्ट पर चलाया जा सकता है, जिसमें कम बिजली खर्च का उपयोग किया जाता है और ऑपरेटर को बिजली के झटके की संभावना नहीं होती है।
यह केवल एक पूर्व निर्धारित वोल्टेज और current value पर काम कर सकता है, इससे कम नहीं।
एक रिमोट कंट्रोल सिस्टम को रिले सर्किट ट्रांजिस्टर सर्किट के साथ स्थापित किया जा सकता है
NO और NC कनेक्टर चांदी या प्लैटिंग धातु से बने होते हैं और अच्छे विद्युत संबंध स्थापित करते हैं।
सीएनजी गाड़ियों में रिले का क्या काम होता है?
सीएनजी गाड़ियों में रिले या किसी अन्य गाड़ी में रिले का प्रयोग automatic 1 circuit से दूसरे circuit को on,off करने के लये कर जाता है।
DC vs AC रिले में क्या अंतर होता हैं ?
AC और DC दोनों रिले विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के रूप में एक ही सिद्धांत पर काम करते हैं, लेकिन construction कुछ अलग होता है और उस Applications पर भी निर्भर करता है जिसके लिए इन रिले का चयन किया जाता है। DC रिले कॉइल को de-energize करने के लिए एक freewheeling diode के साथ Employed किया जाता है, और AC रिले eddy current losses को रोकने के लिए टुकड़े टुकड़े में कोर का उपयोग करता है।
एक AC का बहुत दिलचस्प पहलू यह है कि प्रत्येक आधे चक्र के लिए, करंट supply की दिशा बदल जाती है; इसलिए, हर चक्र के लिए कुंडली अपने चुंबकत्व को खो देती है क्योंकि हर आधे चक्र में रिले शून्य धारा लगातार बनाती है और सर्किट को तोड़ती है। तो, इसे रोकने के लिए - अतिरिक्त रूप से एक Shaded कॉइल या एक अन्य इलेक्ट्रॉनिक सर्किट को AC रिले में शून्य करंट स्थिति में चुंबकत्व प्रदान करने के लिए रखा गया है।
Induction Type रिले क्या होती है
ये अकेले ac सिस्टम में Protective रिले के रूप में उपयोग किए जाते हैं और dc सिस्टम के साथ प्रयोग करने योग्य होते हैं।
Hybrid रिले
ये रिले विद्युत चुम्बकीय रिले और इलेक्ट्रॉनिक घटकों से बने होते हैं। आमतौर पर, input भाग में इलेक्ट्रॉनिक सर्किटरी होती है जो सुधार और अन्य Control कार्य करती है, और output भाग में विद्युत चुम्बकीय रिले शामिल होता है।
रिले स्विच का उद्देश्य क्या है? - What is the purpose of a relay switch?
रिले स्विच हैं जो इलेक्ट्रोमेकैनिकल या इलेक्ट्रॉनिक रूप से सर्किट खोलने और बंद करने के लये उपयोग होता है। रिले एक दूसरे सर्किट में Contact खोलकर और बंद करके एक विद्युत सर्किट को Controlled करता है। ... जब एक रिले Contact सामान्य रूप से बंद हो जाता है (NC), और जब रिले Active नहीं होता तो एक contact बंद होता है।
रिले क्या काम करती है
Relay Working In Hindi ?
रिले की वर्किंग बहुत ही सिंपल है जब रिले ऑफ कंडीशन में होती है तो उसका कॉमन टर्मिनल nc कांटेक्ट से लगा होता है क्योंकि उसके अंदर की स्प्रिंग उसे अपनी और खींच कर रखती है तथा no कांटेक्ट ओपन होता है जैसे ही हम रिले के कॉमन टर्मिनल पर सप्लाई देते हैं
तो उसके अंदर स्थित armater no terminal पर चिपक जाता है अब यह जानते हैं कि armater कैसे ऊपर चला जाता है हमने ऊपर रिले के सिद्धांत के बारे में बता रखा है
रिले के अंदर यह जो कॉइल है जैसे ही इसमें सप्लाई दी जाती है तो यह आर्मेचर को nc से हटाकर no पर चिपका देती है बस यही एक छोटी सी इसकी वर्किंग है अगर आपको इसकी वर्किंग समझ ना आ रही हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमें बता सकते हैं
Technical Points
रिले का उपयोग क्यों किया जाता है? - Why is relay used?
रिले का उपयोग time Delay कार्यों को करने के लिए किया जाता है। उनका उपयोग contact को time delay देकर खोलने के लये होता है। यह कम वोल्टेज signals की सहायता से उच्च वोल्टेज सर्किट को Controlled करने के लिए रिले का उपयोग किया जाता है। इसी तरह से वे कम करंट सिग्नल की मदद से हाई करंट सर्किट को कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
रिले कहाँ उपयोग किया जाता है? - Where is relay used?
एक रिले का मुख्य Operations उन स्थानों पर आता है जहां केवल एक सर्किट को Controlled करने के लिए low-power signal का उपयोग किया जा सकता है। इसका उपयोग उन स्थानों पर भी किया जाता है जहां बहुत सारे सर्किट को Controlled करने के लिए केवल एक सिग्नल का उपयोग किया जा सकता है। टेलीफोन के आविष्कार के दौरान रिले का Applicatकरता है, लेकिन अक्सर relay को चालू करने के लिए उपयोग किया जाता है,
Relay operation
रिले जो विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक रूप से खुले और बंद सर्किट स्विच करते हैं। रिले एक दूसरे सर्किट में Contacts को खोलने और बंद करके एक विद्युत सर्किट को control करते हैं।
तो आज की इस पोस्ट में हमने आपको relay क्या है? और रिले क्या काम करता है, What does relay work in hindi, relay kya hoti hai से संबंधित पूरी जानकारी देने की कोशिश की है अगर इसके अलावा आप कुछ और जानना चाहते हैं रिले का मतलब क्या है,रिले का क्या अर्थ है,रिले किसे कहते हैं तो नीचे कमेंट करें और अगर आपको यह जानकारी फायदेमंद लगे तो इसे दूसरों के साथ शेयर जरुर करें
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