Electric induction motor का कार्यसिद्धान्त
इलेक्ट्रिक motor एक इलेक्ट्रिक मशीन है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा मे परिवर्तित करती है; अर्थात, जब यह उपयुक्त शक्ति स्रोत से जुड़ा होता है, तो यह घूमना शुरू कर देता है, जिसके कारण इसके साथ लगी मशीन भी घूमने लगती है। और फिर यह एक विद्युत जनरेटर के विपरीत काम करता है जो यांत्रिक ऊर्जा लेकर विद्युत ऊर्जा का उत्पादन करता है। कुछ motor विभिन्न परिस्थितियों मे motor या जनरेटर दोनों के रूप मे भी कार्य करते हैं।
एक विद्युत motor विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा मे बदलने के साधन हैं। इलेक्ट्रिक motor औद्योगिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। यह एक बहुत ही सरल और बहुत उपयोगी मशीन है। उद्योगों मे शायद ही कोई ऐसा उद्देश्य हो जिसके लिए एक उपयुक्त इलेक्ट्रिक motor का चयन नहीं किया जा सकता है।
Three Phase ac इंडक्शन motor की संरचना:-
Three फेज इंडक्शन motor निम्नलिखित दो अंग होते हैं
(1) Stator -
(2) rotar -
(1) Stator
इंडक्शन motor का स्टेटर एक rotate स्टेटर की तरह होता है। यह हिस्सा सिलिकॉन स्टील की गोल चादरों की व्यवस्था करके बनाया गया है। इस पत्ती की मोटाई 0.3 मिमी से 0.65 मिमी तक हो सकती है।
भवर धारा हानियों को कम करने के लिए, प्रत्येक पत्ती पर वार्निश की पतली परतें लगाई जाती हैं। जब सभी पत्तियों को एक साथ motor फ्रेम मे धकेला जाता है और motor फ्रेम को व्यवस्थित और कड़ा किया जाता है। स्टेटर कवर मे, घुमावदार आंतरिक खांचे होते हैं जिसमे वाइंडिंग स्थापित होते हैं। स्टेटर मे, ये स्लॉट अर्ध-खुले या पूरी तरह से खुले हो सकते हैं।
(2)-Rotar
यह भाग स्टेटर मे घूमता है। इसका रोटर बेलनाकार होता है, जिस पर एक नाली बनाई जाती है। ये खांचे रोटर या शाफ्ट के समानांतर नहीं हैं। यह उनके ऊपर है कि वे एक-दूसरे से संपर्क न करें
motor फ्रेम दो प्लेटों आगे पीछे जुड़ी होती है और प्लेटों को bearing के साथ लगाया जाता है। जिसमे की rotate करता है। स्टेटर मे 3 phase वाइंडिंग हैं जो 3 phase की आपूर्ति के साथ work करती हैं।
Stator एक निश्चित pols के लिए कुण्डलित(wind) किया जाता है। यदि motor मे 2 ध्रुवों हैं, तो इसकी गति 3000 r.p.m है। और अगर इसमे 4 ध्रुव हैं, तो इसकी गति 1500 r.p.m है। इस तरह motor की गति को ध्रुवों की संख्या को बढ़ाकर कम किया जा सकता है जो सूत्र Ns = 120f ∕ P के द्वारा निर्धारित किया जा सकता है।
यहाँ:- Ns =सिंक्रोनस स्पीड
f = frequency
p = no of poll
रोटर winding को स्टार मे किया जाता है। winding के शेष सिरों को shaft पर तीन परस्पर insulator स्लिप रिंगों पर जोड़ दिया जाता है।
AC induction motor के दुसरे parts निम्नलिखित है
Bearing seal
Baal Bearing
Bearing cover
Side cover
Cover fan
Terminal box
जैसा कि आप जानते हैं, motor मे मूल रूप से दो भाग होते हैं।
1- stator है जो motor के लिए स्थिर है
2- roter है जो motor का एक घूमने वाला हिस्सा है।
motor mechanical energy प्रदान करता है।
जब स्टेटर 3 phase की आपूर्ति से जुड़ा होता है
फिर स्टेटर मे घूर्णन चुंबकीय क्षेत्र स्थापित होता है।
वास्तविकता मे तो magnatic field घुमता नही है लेकिन उसके pole इतनी तीव्रता से चक्रीय क्रम मे edited होते है कि वे घुमते हुए प्रतीत होते है।
घुमने वाला magnetic field स्थापित करने के लिए कम से कम दो phase का होना आवश्यक होता है । इस घुमने वाले magnetic field के सम्पर्क मे जब रोटर चालक आते है तो रोटर मे E.M.F पैदा हो
जाता है ।Roter मे विद्युत वाहक बल के कारण रोटर चालकों मे Magnetic field उत्पन्न हो जाता है और एक ही जगह पर कार्यरत दो magnetic field की पारस्परिक क्रिया से एक घुमने वाला बल उत्पन्न होता है जिससे rotar घुमनें लगता है।
Principle of ac Induction Motor
जब भी क्लोज सर्किट CONDUCTOR को घूर्णन चुंबकीय क्षेत्र मे रखा जाता है, तो CONDUCTOR घूमने की कोशिश करता है।
3 phase INDUCTION motor की संरचना: -
3 phase INDUCTION motor मे दो भाग होते हैं।
1- स्टेटर - stator
2- रोटर - roter
1- स्टेटर (stator) क्या होता है ?
इंडक्शन motor का स्टेटर अल्टरनेटर के स्टेटर के समान होता है। यह हिस्सा सिलिकॉन स्टील के गोल पत्तों को व्यवस्थित करके बनाया गया है। सभी पत्तियों की मोटाई 0.3 मिमी से 0.65 मिमी तक होती है।
भंवर धारा नुकसान को कम करने के लिए, प्रत्येक पत्ती पर वार्निश की पतली परतें चढ़ाकर उनको insulate कर दिया जाता हैं। जब सभी पत्तियों को एक साथ व्यवस्थित किया जाता है और motor फ्रेम के साथ कड़ा किया जाता है। स्टेटर कोर मे, phase winding के लिए आंतरिक परिधि पर खांचे होते हैं जिसमे winding फिट होते हैं। स्टेटर मे, ये स्लॉट अर्ध-खुले या पूरी तरह से खुले हो सकते हैं।
और स्टेटर मे दो end प्लेटों को motor फ्रेम के साथ जोड़ दिया जाता है और end प्लेटों को रोटर शाफ्ट को घुमाते हुए, बीयरिंग के साथ लगाया जाता है। स्टेटर मे 3 phase winding होती हैं जो 3 phase की supply के साथ work करती हैं। स्टेटर को निश्चित संख्या मे ध्रुवों के लिए wind किया जाता है।
यदि motor 2 ध्रुवों की है, तो इसकी गति 3000r.p.m होती है। और यदि यह 4 ध्रुवों का है, तो इसकी गति 1500 r.p.m. होगा। इस प्रकार ध्रुवों की संख्या बढ़ाकर motor की गति को कम किया जा सकता है इसको FORMULA Ns = 120 f/p द्वारा निर्धारित किया जाता है।
जहाँ: - Ns = सिंक्रोनस स्पीड
f = frequency
p = no of pole
(२) रोटर Rotor
यह भी लेमिनेटेड कोर से बनाया जाता है। इन रोटर मे 3-फेज, अल्टरनेटर की तरह दो-गुना वितरित वाइंडिंग हैं। रोटर मे केवल एक pole की ही winding की जाती है जितनी स्टेटर मे पोल की winding होती है।
AC इंडक्शन motor का रोटर
कई प्रकार के INDUCTION motor रोटर होते हैं, जिसके आधार पर motor्स के नाम बदल दिए जाते हैं।
जैसे कि
squirrel single cage rotor
squirrel deep bar cage rotor
squirrel dual cage rotor
wound rotor motor या slip ring motor
रोटर वाइंडिंग को Internal रूप से एक स्टार मे जोड़ा जाता है। winding के शेष छोर शाफ्ट पर तीन इंटरकनेक्टेड स्लिप रिंग्स मे शामिल हो जाते हैं।
इंडक्शन motor के अन्य भाग निम्नलिखित हैं
(1) बेयरिंग कवर (2) साइड कवर (3)बेयरिंग सील (4) बाल बेयरिंग (5) पंखा कवर (6) टर्मिनल बॉक्स
अनुप्रयोग Applications:-
जहां उच्च प्रारंभिक थ्रस्ट या बलाघूर्ण की आवश्यकता होती है और मशीन को लोड के साथ शुरू करना पड़ता है, जैसे लिफ्ट, आरा मशीन, लाइन शाफ्ट मिल इत्यादि, इन सब मे स्लिप रिंग Induction motor का उपयोग किया जाता है।
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