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Motor और generator के बीच में क्या अंतर होता हैं |

August 29, 2022

 Motor और generator के बीच में क्या अंतर होता हैं |


By rajeev saini electricals



इलेक्ट्रिक मोटर और जनरेटर को अलग अलग कारण कि वजह से अंतर किया जाता है, जैसे कि मोटर और जनरेटर का कार्य होता हैं। बिजली का खर्च (उपयोग) करना या उत्पादन करना, उसका driven component, वाइंडिंग में करंट का अस्तित्व। फ्लेमिंग के नियम का पालन मोटर और जनरेटर द्वारा किया जाता है।


मोटर और जेनरेटर के बीच में क्या अंतर होता हैं , वह नीचे कोष्ठक में तफावत (तुलना) के जरिए समझाया गया है |


S.No

Differentiate

  MOTOR

  GENERATOR

1

Function

Motor  विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करती है।

Generator यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।

2

Electricity

Motor बिजली का उपयोग करती है।

Generator बिजली उत्पन्न करता है।

3

Driven 

Element

Motor का शाफ्ट आर्मेचर और क्षेत्र के बीच  उत्पन्न होता है, और magnetic force द्वारा चलता है।

शाफ्ट रोटर से जुड़ा होता है, और mechanical force द्वारा चलता है।

4

Current

motor में आर्मेचर या स्टेटर वाइंडिंग में करंट की सप्लाई दी जाती है।

जनरेटर में आर्मेचर वाइंडिंग में करंट उत्पन्न होता है।

5

Rule followed

motor फ्लेमिंग के बाएं हाथ के नियम का पालन करती है।

Generator फ्लेमिंग के दाहिने हाथ के नियम का पालन करता है।

6

Example's

इलेक्ट्रिक कार या बाइक इलेक्ट्रिक मोटर का एक उदाहरण है।

Power station पर इलेक्ट्रिसिटी के रूप में ऊर्जा उत्पन्न होती है।



Motor और generator के बीच में क्या अंतर होता हैं |
Motor और generator के बीच में क्या अंतर होता हैं |  Motor और generator के बीच में क्या अंतर होता हैं | Reviewed by Rajeev Saini on August 29, 2022 Rating: 5

Difference between ac and dc current in hindi

May 21, 2022

Difference between ac and dc current

By rajeev saini electricals


इलेक्ट्रिसिटी हमारे जीवन का एक बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है इलेक्ट्रिसिटी की मदद से हम बड़े से बड़े और छोटे छोटे कामों को कुछ ही समय में कर लेते हैं जिससे कि हमारा समय बहुत ही ज्यादा बच जाता है लेकिन साथ ही हमें यह भी पता होना चाहिए की इलेक्ट्रिक करंट दो प्रकार का होता है ac और DC current , AC को अल्टरनेटिंग करंट कहते हैं तथा DC को डायरेक्ट करंट कैसे हैं

Difference between ac and dc current in hindi 


S.NO

Differentiate

Ac current

Dc current

1

परिभाषा

Ac धारा का मान तथा उसके दिशा समय के साथ परिवर्तित हो जाते हैं

Dc धारा का मान तथा दिशा कभी भी बदलते नहीं है यह हमेशा नियत रहते हैं

2

प्रोडक्शन या उत्पादन

इसका उत्पादन अल्टरनेटर से करा जाता है

DC का उत्पादन जनरेटर और डायनेमो से कर जाता है।

3

रेक्टिफिकेशन

डायोड के द्वारा AC को DC में बदला जा सकता है

इनवर्टर के द्वारा DC को AC में बदला जा सकता है

4

उत्पादन वोल्टेज

Ac  का उत्पादन 33000 वोल्ट तक करा जाता है

Dc का उत्पादन 650 वोल्ट तक ही करा जाता है

5

एप्लीकेशन

Ac का प्रयोग बल्ब, कूलर,पंखा आदि को चलाने में करा जाता है

सभी बैटरी में dc सप्लाई होती है, इसका प्रयोग mobile battery, generator starter में

Difference between ac and dc current in hindi 



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Difference between dynamo and alternator

May 10, 2022

  Difference between dynamo and alternator 

डायनेमो और अल्टरनेटर के बीच मुख्य अंतर उनके द्वारा उत्पादित करंट का प्रकार है। डायनेमो एक सीधी धारा उत्पन्न करता है जो एक ही दिशा में बहती है। इसकी तुलना में, अल्टरनेटर एक प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न करते हैं, जो लगातार दिशाएँ बदलती रहती है।


By rajeev saini electricals



S.no

Differentiate 

Dynamo

Alternator

1

परिभाषा

Dynamo एक मशीन है जो कि डीसी करंट को किसी एक डायरेक्शन में flow करती है

अल्टरनेटर एक मशीन है जो कि एसी करंट को डिफरेंट डायरेक्शंस में प्रोड्यूस करती है

2

मैग्नेटिक फील्ड

स्टेशनरी 

रोटरी

3

इनपुट सप्लाई

इनपुट सप्लाई रोटर से लेता है

इनपुट सप्लाई स्टेटर से लेता है

4

Energy efficiency

Low एफिशिएंसी

High एफिशिएंसी

5

Rpm

Support Low rpm

Support high Rpm

6

Brush durability

Less

High

7

Charging dead battery

इसका प्रयोग बैटरी चार्ज करने में करा जाता है

इसका प्रयोग बैटरी चार्ज करने में नहीं करा जाता है

8

Maintenance

High maintenance charges

Low maintenance charges


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Why Induction Motor Take high current in Starting time in hindi

April 25, 2022

 Why Induction Motor Take high current in Starting time.



इंडक्शन मोटर प्रारंभ मे एक शार्ट सर्किट सेकेण्ड्री वाइंडिंग ट्रांसफॉर्मर की भांति कार्य करती है। मोटर मे स्टेटर प्राइमरी वाइंडिंग की तरह तथा स्कैवरल केज रोटर शॉर्ट सर्किट सेकेण्ड्री की भाँति कार्य करता है। परन्तु इन दोनो के बीच Air gap होता है। जिसके कारण रोटर कभी भी सिक्रोनस स्पीड पर नहीं घूमता है।

What is Slip ?

इंडक्शन मोटर की सिंक्रोनस स्पीड तथा मैकेनिकल स्पीड के अन्तर को slip कहा जाता है। इसे S से लिखा जाता है इसका मान 0 - 1 के बीच मे Vary करता है।

          S = Ns – Nr / Ns

                    Or

          S = 1 – Ns / Nr

Speed of Induction Motor

       Ns = 120f / n

Where :- 

                  Ns = schyronous speed of motor

           f = Electric Frequency

     n = Number of Pole 

            Nr = Ns*(1-Ns/Nr)

Where:-

      Nr = Mechanical Speed of Rotor

Starting Current of Induction Motor

इडंक्शन मोटर में स्लिप होने के कारण मोटर का प्रारंभिक करंट फुल लोड करंट का लगभग 6-7 गुणा होता है।

जब प्रारंभ मे स्टेटर वाइंडिंग पर सप्लायी जोड़ी जाती है उस समय पर वाइंडिंग द्वारा एक रोटेटिंग चुम्बकीय फ्लक्स उत्पन्न होता है 


तथा उस समय रोटर विरामावस्था में होता है। इस चुम्बकीय फ्लक्स के कारण रोटर में एक EMF उत्पन्न हो जाता है जो फैराडे के नियम का अनुसरण करता है।


 रोटर मे कॉपर की स्ट्रिप द्वारा शॉर्ट सर्किट सेकेड्री की भाँति वह इस फ्लक्स को कट करती है तथा धारा बहने लगती है इस समय पर स्लिप का मान अधिकतम तथा मोटर का कुल इम्पीडेंस न्यूनतम होने के कारण धारा का मान उच्च अथवा अधिकतम होता है। 

परन्तु लेंज के नियमानुसार रोटर का EMF चुम्बकीय फलक्स का विरोध करता है तथा चुम्बकीय फलक्स की speed के बराबर rotate करने का प्रयत्न करता है


 जिसके कारण रोटर प्रारंभ मे उच्च टॉर्क के साथ त्वरित होना प्रारंभ करता है तथा जैसे जैसे रोटर की speed चुम्बकीय फ्लक्स की speed के मान का अंतर कम होता है slip का मान भी कम होने लगता है और धारा का मान भी कम हो जाता है।

मोटर की स्लिप का मान धारा के मान अनुक्रमानुपाती होती है। अर्थात धारा का मान स्लिप के मान पर निर्भर करता है।

Example :-

यदि किसी मोटर का रोटर एक नियत चाल पर घूम रहा है तथा उस पर यांत्रिक लोड को बढ़ा दिया जाए तो यह यांत्रिक लोड रोटर की स्पीड को कम कर देता है। जिसके कारण मोटर की स्लिप बढ़ जाती है तथा धारा और टॉर्क का मान भी बढ़ जाता है।

Starting Current Formula

4*Rated Power /  Rated Voltage*PF*Eff.

Running Current Formula

Rated Power / ✓3*Rated Voltage*PF*Eff.


Why Induction Motor Take high current in Starting time in hindi  Why Induction Motor Take high current in Starting time in hindi Reviewed by Rajeev Saini on April 25, 2022 Rating: 5

फेज न्यूट्रल और अर्थ में क्या अंतर है ? phase neutral and earth

March 17, 2022

फेज न्यूट्रल और अर्थ में क्या अंतर है ? || phase neutral and earth in hindi by khan sir patna




 Es video main aapko milaga

न्यूट्रल का क्या मतलब होता है?

अर्थिंग में करंट आता है क्या?

अर्थिंग का रेजिस्टेंस घर का लिए कितना होना चाहिए?

अर्थिंग कितने प्रकार के होते है?

Phase Neutral Earth In Hindi

Neutral meaning in Hindi

फेज क्या है in Hindi

न्यूट्रल कैसे बनता है

Phase neutral earth colour

तीन फेज

थ्री फेज ट्रांसफार्मर

अर्थ और न्यूट्रल में क्या अंतर है

फेज तो फेज वोल्टेज

थ्री फेज वायरिंग

वायर कलर कोड

How do you identify phase neutral and earth?

Is neutral and earth the same?

What is difference between phase and neutral?

Can I use earth ground as neutral?

Phase neutral and earth colours

Phase, neutral earth in a socket

Identify the phase neutral and earth on power socket

Neutral and earth difference

Neutral and earth voltage

Difference between neutral and earth PDF

What is phase and neutral

Difference between neutral and earth Quora+

Why are neutral and ground tied together

Difference between earth and neutral in tamil

What is phase and neutral in tamil

Neutral wire function

Difference between ground and earth

Difference between Neutral and earth in Hindi


फेज न्यूट्रल और अर्थ में क्या अंतर है ? phase neutral and earth फेज न्यूट्रल और अर्थ में क्या अंतर है ? phase neutral and earth Reviewed by Rajeev Saini on March 17, 2022 Rating: 5

PLC क्या होती है और plc कैसे काम करती है ? [What is PLC]

January 07, 2022

 PLC क्या होती है और plc कैसे काम करती है ? [What is PLC]

हेलो दोस्तों आज हम जानेंगे पीएलसी क्या होती है और यह कैसे कार्य करती है दोस्तों आज के समय में पीएलसी की जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है अगर आप आईटीआई पॉलिटेक्निक, BE या बीटेक के स्टूडेंट हैं और आप किसी कंपनी के इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट में जाना चाहते हैं तो आपको पीएलसी की अच्छी जानकारी होनी चाहिए जिससे कि आप किसी भी इंडस्ट्री  में इलेक्ट्रीशियन या फिर पीएलसी प्रोग्रामर के तौर पर अपनी जगह बना सकें

PLC kya hoti hai oor kaise kaam krti hai
PLC kya hoti hai


यहाँ आप जानेंगें ?

1- PLC की फुल फॉर्म

2-  plc क्या होती है ?

3- PLC की परिभाषा

4- पीएलसी कैसे काम करती है 

5- Plc कितने प्रकार की होती हैं? 

6- plc के hardware parts

7- plc input devices

8- PLC output devices

9- advantages of plc                   

1- plc की full form क्या होता है?

( plc ki full form ) plc की full form होती है - Programmable logic controller

P-programmable

L-logic

C-controller


2- क्या होती है ? ( What is PLC )


PLC एक हार्डवेयर डिवाइस है जो कि एक सॉफ्टवेयर  प्रोग्राम पर कार्य करती है जो प्रोग्राम हमारी जरूरतों के अनुसार से कार्य करता है कंपनियों में प्रोडक्शन के लिए कई प्रकार की प्रक्रिया होती हैं


पीएलसी का प्रयोग कई प्रकार के उद्योगों और मशीनों में करा जाता है जैसे प्रेशर कंट्रोल , टेंपरेचर कंट्रोल , इंटरलॉकिंग आदि में पीएलसी का प्रयोग करा जाता है इन सब को कंट्रोल करने के लिए पीएलसी में प्रोग्राम डाला जाता है यह प्रोग्राम कोई भी पीएलसी प्रोग्रामर बना लेता है 


पीएलसी का उपयोग उद्योगों को ध्यान में रखते हुए ही करा जाता है इसके अंदर हार्डवेयर वायरिंग नहीं होती है इसके अंदर सीपीयू होता है जोकि प्रोग्राम को प्रोसेस करता है और आउटपुट निकालता है 


जब पीएलसी नहीं थी तब कई सारे उपकरणों को मिलाकर एक इलेक्ट्रिकल पैनल बनाया जाता था इस पैनल से किसी मशीन को कंट्रोल करा जाता था लेकिन इस पैनल में अगर कभी दिक्कत आती थी तो उस दिक्कत को पकड़ने में बहुत ही ज्यादा समय लगता था 


जिस कारण हमारी मशीन काफी समय तक बंद रहती थी इसी प्रॉब्लम को दूर करने के लिए पीएलसी का प्रयोग करा जाने लगा पीएलसी का प्रयोग करने से बहुत ही जल्दी फाल्ट मिल जाता है और पीएलसी उन उपकरणों की तुलना में सस्ती पड़ती है तथा पीएलसी के अंदर का प्रोग्राम मिटाकर हम कोई अन्य प्रोग्राम भी डाल सकते हैं ।।


3- पीएलसी की परिभाषा


पीएलसी एक डिजिटल कंप्यूटर है जिसका प्रयोग इलेक्ट्रोमैकेनिकल प्रोसेस को ऑटोमेटिक करने के लिए करा जाता है इंडस्ट्रीज में इसका प्रयोग मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस को ऑटोमेटिक करने के लिए करा जाता है


4- पीएलसी कैसे काम करती है 


पीएलसी के अंदर 1 CPU होता है और इसके साथ एक memory लगी होती है इस मेमोरी में प्रोग्राम स्टोर होता है और इसकी memory निश्चित होती है इसको कम या ज्यादा नहीं करा जा सकता तथा इसमें इनपुट और आउटपुट मॉड्यूल होते हैं


 इनपुट मॉड्यूल सेंसर लिमिट स्विच , टेंपरेचर सेंसर और पुश बटन आदि से इनपुट लेता है और सीपीयू को देता है जिसमे की प्रोग्राम के अनुसार सिग्नल प्रोसेस होते हैं तथा आउटपुट निकालते हैं और यह रिले तथा  तथा कांट्रेक्टर आदि को जाता है और प्रोग्राम के अनुसार हमारे उपकरणों या फिर मशीन को चलाता है 


पीएलसी में जो प्रोग्राम डाला जाता है वह लेटर लैंग्वेज में होता है इसको हम लैडर प्रोग्राम भी बोलते हैं यह प्रोग्राम पहले हम कंप्यूटर में बनाते हैं फिर एक केवल के माध्यम से अपनी पीएलसी में डाल देते हैं जिसके अनुसार हमारी पीएलसी वर्क करती है


5- Plc कितने प्रकार की होती हैं?  -  types of plc in hindi


आज के समय में बहुत सी कंपनियां पीएलसी बनाती है लेकिन मुख्य रूप से बात करी जाए तो पीएलसी केवल दो प्रकार की होती हैं


पीएलसी के दो मुख्य प्रकार होते हैं


1- compact PLC 

2- modular PLC.


पीएलसी को कुछ अन्य नाम या प्रकार से भी जाना जाता है जैसे कि 


Small PLCs

Large PLCs

Medium- sized PLCs

Compact or integrated plc

modular PLCs


 compact plc kya hota hai  


कंपैक्ट पीएलसी में इनपुट आउटपुट मॉड्यूल की संख्या निश्चित होती है और इन इनपुट आउटपुट मॉड्यूल को बढ़ाया या घटाया नहीं जा सकता है यह इनपुट आउटपुट मॉड्यूल मैन्युफैक्चर द्वारा निर्धारित या बनाए जाते हैं


  modular plc kya hota hai 


मॉडलर पीएलसी में हम इनपुट आउटपुट मौजूद को बढ़ा सकते हैं जिससे कि हम इनपुट आउटपुट मॉड्यूल के द्वारा ज्यादा कंपोनेंट का प्रयोग कर सकते हैं और मॉडलर पीएलसी का प्रयोग करने से हमारा सिस्टम बड़ा होता है और इसका उपयोग करना आसान भी होता है और प्रतीक इनपुट आउटपुट मॉड्यूल एक दूसरे से भिन्न होता है


पीएलसी को आउटपुट के आधार पर तीन प्रकारों में विभाजित किया जाता है, 

जैसे

1-  relay output

2- transistor output

3-  triac output realy

  

Physical size के अनुसार, एक PLC mini, micro और nano plc में divide है।


6- PLC के कौन - कौन से hardware parts होते हैं।

1-CPU

2-power supply

3-input/output terminal(module)

4-programming device


1-CPU

सीपीयू का पूरा नाम सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट हो.ता है और इसको हम कंप्यूटर का दिमाग भी कह सकते हैं सभी कंप्यूटर के अंदर सीपीयू होता ही है इसलिए हम लोग पीएलसी को भी कंप्यूटर कह सकते हैं पीएलसी के अंदर लगा सीपीयू पीएलसी को दिए जाने वाले इनपुट सिगनल को प्रोसेस करता है और आउटपुट निकालता है पीएलसी की सारी प्रोसेसिंग सीपीयू में ही होती है


2-power supply- 

पीएलसी में मुख्यतः दो प्रकार की पावर सप्लाई का प्रयोग होता है 220 वोल्ट एसी और 24 वोल्ट डीसी पावर सप्लाई 24 वोल्ट डीसी पावर सप्लाई ऑपरेटिंग पावर सप्लाई होती है पीएलसी में इन दोनों पावर सप्लाई का होना अति आवश्यक होता है


3-input/output terminal- पीएलसी में इनपुट आउटपुट terminal या फिर मॉड्यूल का प्रयोग इनपुट को लेने और सीपीयू द्वारा प्रोसेस करके आउटपुट निकालने के लिए करा जाता है


4-programming device- पीएलसी में प्रोग्राम डालने या फिर प्रोग्राम को चेंज करने के लिए एक प्रोग्रामिंग डिवाइस की आवश्यकता होती है 


 programming console

 Hand Programmer


7 - PLC  को input देने वाली devices


 Switch and push button


 Sensing devices


 temperature switches


limit switches


 level switches


 photoelectric sensors


 Presence detection sensors


 pressure switches


 Vacuum switches


 float switches


8- PLC के output signals जिन उपकरणों को दिया जाता है  वो उपकरण


 Motor starter


solenoid


 Totalizer


 the counter


 fans


 Pile lights


 Encouragement


The pump


 Control relay


 Printer


9- advantages of plc


Very fast processing sleed

Low power consumption.

Easy to change logic

Easy maintenance

Able of handing of complicated logic operations.

Plc is a affordable

PLC is Rugged


नोट- इन सभी advantages की बजह से plc applications बहुत ज्यादा होती है।



दोस्तों मैं आशा करता हूं कि आपको यह plc की पोस्ट पसंद आई होगी तो इसी तरीके की इलेक्ट्रिकल की जानकारी लेने के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहिए तथा आपके मन में और कोई अन्य इलेक्ट्रिकल इंटरव्यू प्रिपरेशन से रिलेटेड क्वेश्चन हो तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे सुझाव पा सकते हैं धन्यवाद








PLC क्या होती है और plc कैसे काम करती है ? [What is PLC] PLC क्या होती है और plc कैसे काम करती है ? [What is PLC] Reviewed by Rajeev Saini on January 07, 2022 Rating: 5
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